पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, July 30, 2010

डरा-धमका कर रजामंदी के साथ सेक्स भी रेप: सुप्रीम कोर्ट

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है कि अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को धमका कर या उसे मार-पीट कर के उसे सेक्स के लिए रजामंद करे और फिर संबध बनाये तो वो व्यक्ति भी बलात्कारी ही कहलायेगा और उसके द्वारा किया गया कृत्य रेप  की श्रेणी में आयेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि यदि भय के कारण पीड़ित की सहमति रही हो तब भी मुजरिम को दुष्कर्म के लिए दंडित किया जा सकता है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र से संबंधित 17 वर्ष पुराने मामले में पंचायत ने मुजरिम सतपाल सिंह पर 1100 रुपए का जुर्माना लगाते हुए पीड़ित और उसके परिवार पर दबाव बनाया कि वे मुजरिम के विरूद्ध रिपोर्ट न लिखाए।

घटना के चार महीने बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और सतपाल को गिरफ्तार किया गया। न्यायाधिश पी सतशिवम तथा बीएस चौहान की बेंच ने सतपाल के इस तर्क को नहीं माना कि उसने पीड़ित से रजामंदी ली थी।  बेंच ने कहा कि सजा दिलाने के लिए बल प्रयोग या इसकी धमकी देना पर्याप्त है।

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