पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, August 4, 2010

फोन कट गया, बिल फिर भेजा, सेलफोन कंपनी पर हर्जाना

प्राइवेट दूरसंचार कंपनियां मनमाने बिल वसूलने के लिए काफी प्रख्यात हो चुकी हैं। लेकिन अगर टेलीफोन लाइन कटने के बावजूद कंपनी अगर बिल भेज तो उपभोक्ता के साथ नाइंसाफी है। ऐसे ही एक मामले में चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता फोरम ने एयरटेल को सेवा में खामी का दोषी माना है। फोरम ने अपने निर्देश में कंपनी को पांच हजार रुपये हर्जाना और 11 सौ रुपये मुकदमा खर्च राशि देने के निर्देश दिए हैं।

सेक्टर 50 के जगजीत सिंह ने भारती एयरटेल लिमिटेड के खिलाफ फोरम में शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि उन्हेंने एयरटेल का लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया था। नवंबर,2009 तक उन्होंने इस सेवा का लाभ उठाया। उसके बाद उन्होंने अपना कनेक्शन कटवा दिया था। कनेक्शन कटवाते समय उन्होंने कंपनी का ब्रॉडबैंड और टेलीफोन सेट वापस कर दिया था।

साथ ही उन्होंने 479 रुपये का बैलेंस बिल का भी भुगतान कर दिया था। लेकिन कंपनी ने नवंबर से दिसंबर के बीच 550 रुपये का एक और बिल भेज दिया। शिकायतकर्ता ने कस्टमर केयर से इसकी शिकायत की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कंपनी ने जनवरी,2010 को 1174 रुपये और फरवरी में 1699 रुपये का बिल भेज दिया।

फोरम में कंपनी ने अपनी दलील में कहा कि उन्होंने इस मामले में सेवा में कोताही नहीं बरती। बिलिंग सर्कल के तहत उनका बिल जनरेट होता रहा। कस्टमर केयर ने उनसे डिसकनेक्शन की पुष्टि नहीं की। फोरम ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कंपनी को पांच हजार रुपये हर्जाना और 1100 रुपये मुकदमा खर्च राशि देने के निर्देश दिए।

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