पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, August 6, 2010

शाह की रिमांड की नामंजूरी को सीबीआई की चुनौती

सीबीआई ने गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह को रिमांड में लेने संबंधी उसकी यचिका नामंजूर करने के निचली अदालत के फैसले को उच्चा न्यायालय में चुनौती दी है।

निचली अदालत ने बुधवार को सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभे़ड मामले के आरोपी शाह की 10 दिनों की हिरासत की मांग करने वाली सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी। अब उच्चा न्यायलय में मामले की सुनवाई न्यामूर्ति अकील कुरैशी करेंगे और मशहूर वकील के. टी.एस तुलसी सीबीआई की पैरवी करेंगे। इससे पहले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ए.आई. दवे ने बुधवार को शाह के वकील राम जेठमलानी की उस दलील को स्वीकार करते हुए सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद किसी भी आरोपी को केवल न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता है न कि जांच एजेंसी की हिरासत में।
शाह की जमानत याचिका पर अब 11 अगस्त को सुनवाई होगी। शाह को सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभे़ड मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने 23 जुलाई को 30,000 पन्नों का आरोप पत्र पेश कर शाह को हत्या, अपहरण और फर्जी मुठभे़ड की साजिश रचने का आरोपी बनाया था। उन्होंने 25 जुलाई को समर्पण किया था और वह तभी से न्यायिक हिरासत में हैं।

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