पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, August 7, 2010

अब गुड़गांव में घरेलू हिंसा की सुनवाई फैमिली कोर्ट की बजाय इलाका मजिस्ट्रेट करेंगे।

घरेलू हिंसा के मामलों की सुनवाई अब फैमिली कोर्ट की बजाय इलाका मजिस्ट्रेट की अदालत में होगी। इसके लिए फैमिली कोर्ट में लंबित ऐसे मामलों की सभी फाइलें संबंधित इलाका मजिस्ट्रेट को भेजी जा रही हैं। गुड़गांव में सात इलाका मजिस्ट्रेट नियुक्त हैं, जिनमें एक एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट और एक चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शामिल हैं।

घरेलू हिंसा के सभी मामलों की सुनवाई अब संबंधित थानों के इलाका मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी। इन मामलों में घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12, 125, हिंदू विवाह अधिनियम, अव्यस्क एवं उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत आने वाले घरेलू हिंसा एवं विवाद के मामले शामिल होंगे। मदन सिंह चौहान एडवोकेट ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से इन मामलों की सुनवाई फैमिली कोर्ट में होती थी लेकिन डेढ़ पहले गुड़गांव में फैमिली कोर्ट नहीं होने के कारण इन मामलों की सुनवाई इलाका मजिस्ट्रेट ही करते थे। अब दोबारा से इन मामलों की सुनवाई इलाका मजिस्ट्रेट करेंगे।

सात इलाका मजिस्ट्रेट करेंगे मामलों की सुनवाई

सदर थाना, डीएलएफ, डीएलएफ फेज-1और सिविल लाइन के मामलों की सुनवाई एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आरके यादव करेंगे। चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट डीएन भारद्वाज शहर थाना, पालम विहार, मानेसर और डीएलएफ फेज-2 के मामलों की सुनवाई करेंगे। इसके अलावा सेक्टर-5 थाना, उद्योग विहार, सुशांत लोक और सेक्टर-40 थाना के मामलों की सुनवाई नरिन्द्र कौर जेएमआईसी करेंगे। फरुखनगर थाना, राजेन्द्र पार्क, सेक्टर-56 और सोहना थाना के मामलों की सुनवाई राजेश गुप्ता ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी करेंगे।

पटौदी थाना, बादशाहपुर, खेड़की के तहत आने वाले घरेलू हिंसा के मामलों की सुनवाई नरेंद्र सिंह ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी करेंगे। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो, जीआरपी और सेक्टर-18 थाना के मामलों की सुनवाई अर्चना यादव ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी और भौंडसी, बिलासपुर और सेक्टर-10 थाना के मामलों की सुनवाई अशोक कुमार ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी करेंगे।

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