पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, August 15, 2010

दहेज कानून में संशोधन पर विचार करे: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने विधि आयोग और केंद्र को दहेज विरोधी कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए इसमें उपयुक्त संशोधन करने को कहा है। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ ने घरेलू झगडे को लेकर दहेज संबंधी एक झूठे मामले का कल निपटारा करते हुए विधि आयोग और सरकार को संबंधित कानून के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए आवश्यक संशोधन करने की सलाह दी है। 
खंडपीठ ने उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह भारतीय दंड संहिता .आईपीसी. की धारा 498.ए. के तहत दर्ज एक झूठे मुकदमे से संबंधित उसके आदेश की प्रति विधि मंत्रालय एवं विधि आयोग को भेज दे. ताकि इस दिशा में वे ठोस कदम उठा सकें। न्यायालय ने कहा कि हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं में व्यापक बढोतरी दर्ज की गई है। दहेज संबंधी ऐसे मुकदमों में बचाव पक्ष को भले ही बरी कर दिया जाए. लेकिन उन्हें जिन मानसिक परेशानियों से गुजरना होता है. उसकी कल्पना नहीं की जा सकती।

1 टिप्पणियाँ:

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने क्या आज पहली बार सरकार व विधि आयोग को कहा हैं कि दहेज़ विरोधी कानून और घरेलू हिंसा अधिनियम संबंधित कानून के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए आवश्यक संशोधन करने की. झूठे मुकदमों में बचाव पक्ष को भले ही बरी कर दिया जाए. लेकिन उन्हें जिन मानसिक परेशानियों से गुजरना होता है. उसकी कल्पना नहीं की जा सकती।
मैं यह पूछना चाहता हूँ क्या ऐसे मामलों में पीड़ित को सरकार कोई मुआवजा दिला सकती हैं अपने खर्चे पर? अगर नहीं! तो फिर ऐसे कानूनों में बदलाव शीघ्रता क्यों नहीं करती है? सरकार में शामिल नुमंदे ही कुछ प्रयास नहीं कर रहे हैं तब बेचारा एक जज क्या कर सकता है?
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:09868262751, 09910350461 email: sirfiraa@gmail.com, महत्वपूर्ण संदेश-समय की मांग, हिंदी में काम. हिंदी के प्रयोग में संकोच कैसा,यह हमारी अपनी भाषा है. हिंदी में काम करके,राष्ट्र का सम्मान करें.हिन्दी का खूब प्रयोग करे. इससे हमारे देश की शान होती है. नेत्रदान महादान आज ही करें. आपके द्वारा किया रक्तदान किसी की जान बचा सकता है.