पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, August 15, 2010

राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक

राजस्थान हाई कोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनावों की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायाधीश महेश चन्द्र शर्मा ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी की एनएसयूआई यूनिट के अध्यक्ष सुमित भगासरा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि मामले की आगामी सुनवाई 17 अगस्त तक चुनाव प्रक्रिया नहीं की जाए। गौरतलब है कि 10 अगस्त को हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार व स्टूडेंट वेलफेयर के डीन को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। मामले की सुनवाई के दौरान याची ने कहा कि छात्र संघ चुनावों की प्रक्रिया 16 तारीख से शुरू हो रही है और उन्हें आशंका है कि यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के संविधान की धारा 20 सी प्रावधान की आड़ में उनके नामांकन पत्र को निरस्त कर सकती है। लिहाजा यूनिवर्सिटी प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि उनके नामांकन पत्र को निरस्त न करें और उसे चुनाव लडऩे की अनुमति दी जाए। मामले की सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी का जवाब नहीं आया, जिस कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। इस पर न्यायाधीश ने आगामी सुनवाई 17 अगस्त तक के लिए चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी।
गौरतलब है कि याची ने छात्र संघ चुनाव के संविधान की धारा 20 सी के तहत चुनाव की अयोग्यता को चुनौती दी। इस धारा के तहत प्रावधान है कि यदि कोई विद्यार्थी पिछले साल अनुपस्थित रहा हो अथवा फेल हुआ हो, तो वह चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य हो जाएगा। याची ने याचिका में कहा कि उसने एलएलबी के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था और उसकी परीक्षा जून महीने में हुई थी। उसने परीक्षा से दो माह पहले ही खराब स्वास्थ्य के कारण यूनिवर्सिटी के समक्ष परीक्षा देने में असमर्थता जाहिर करते हुए परीक्षा फार्म को निरस्त करने की प्रार्थना की। उसका प्रार्थना पत्र यूनिवर्सिटी ने मंजूर कर लिया। लेकिन उसे न तो परमिशन लैटर ही जारी हुआ और न ही रोल नंबर ही दिया। उसने याचिका में कहा कि इस स्थिति में उसे यूनिवर्सिटी फेल घोषित नहीं कर सकती और न ही अनुपस्थित ही दिखा सकती है। लेकिन उसे आशंका है कि उसे चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इसलिए उसे चुनाव लडऩे की अनुमति दी जाए।

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