पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, August 2, 2010

जज के घर दूध फटा, डेयरी में उफान

राजस्थान हाईकोर्ट के जज एन के जैन के घर सरस डेयरी की थैली से लिया गया दूध गर्म करते समय फट गया। उन्होंने इसकी शिकायत राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन से की। इस पर न केवल डेयरी प्रशासन, बल्कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनके घर पहुंच गए। सैंपल लेने और जांच रिपोर्ट आने तक करीब दो घंटे सारा अमला वहीं जमा रहा।

हुआ यूं कि गांधी नगर में मकान नंबर ए-11 निवासी हाईकोर्ट के जज एन के जैन के घर दो किलो दूध फट गया। उन्होंने डेयरी को इसकी सूचना दी। इस पर आरसीडीएफ ने तुरंत जयपुर डेयरी के एमडी एल.के. कौशिक को निर्देशित किया कि वे दूध फटने की जांच करें। कौशिक अन्य प्रमुख अधिकारियों के साथ जैन के घर पहुंचे और दूध के सैंपल लिए। इसके बाद तुरंत ही जांच के लिए डेयरी की लैबोरेटरी भेज दिया गया। साथ ही एमडी आसपास के डेयरी बूथों पर भी गए। अन्य अधिकारियों ने क्षेत्र के कई घरों से भी जांच कराई कि किसी के यहां दूध फटने की शिकायत तो नहीं है।

कौशिक का कहना था कि जैन ने आरसीडीएफ में शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर वे मौके पर पहुंचे। ऐसा नहीं है कि जैन जज हैं, इसलिए वे उनके निवास पहुंचे, बल्कि वे तो नियमित रूप से सामान्य उपभोक्ताओं की शिकायत सुनते रहते हैं। कौशिक ने बताया कि दूध के सैंपलों की जांच में कोई मिलावट या अन्य मामला नहीं निकला। जांच रिपोर्ट की जानकारी से जैन को भी अवगत करा दिया गया है। इस पर वे भी संतुष्ट थे।

चूंकि आसपास के किसी भी बूथ से गए दूध के फटने की बात सामने नहीं आई, ऐसे में हो सकता है कि यह दूध किसी अन्य कारण से फटा हो। गांधीनगर थानाप्रभारी आस मोहम्मद ने बताया कि सीजेएम के फोन से पता चला कि हाईकोर्ट जज एनके जैन के घर दूध फट गया है। इस पर मैं उनके घर पहुंचा। जब मैं वहां पहुंचा तो वहां डेयरी के अधिकारी मौजूद थे। इस मामले में कुछ उपभोक्ताओं का कहना था कि जयपुर डेयरी में उनकी शिकायतों की सुनवाई नहीं होती, लेकिन एक जज की शिकायत पर एमडी खुद पहुंच गए।

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