पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, August 17, 2010

फर्नांडीस के भाई की अर्जी पर आदेश देने से इंकार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अल्जाइमर रोग से पीड़ित पूर्व केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडीस के भाइयों की एक अर्जी पर कोई आदेश देने से आज इंकार कर दिया, ताकि एम्स के एक विशेषज्ञ की निगरानी में उनका इलाज हो सके।

न्यायमूर्ति वीके शाली ने कहा कि अदालत सभी चीजों की निगरानी नहीं कर सकती। यह ऐसी बीमारी है कि हर पल, हर घंटे और हर दिन रोगी की हालत बिगड़ती जा रही है। च्चिर्ड और माइकल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केएन बालगोपाल ने दलील दी कि उनके मुवक्किल [पूर्व केंद्रीय मंत्री के भाई] उन्हें [फर्नांडीस को] मुहैया कराई गई चिकित्सा के बारे में फिर से आश्वस्त होना चाहते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल जनवरी तक जार्ज फर्नांडीस एम्स में इलाज करा रहे थे और वह चलने फिरने में सक्षम थे, लेकिन फिलहाल वह एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

न्यायमूर्ति शाली ने कहा कि ऐसे में जब दूसरा पक्ष आपकी अर्जी का विरोध कर रहा है, मैं किसी अन्य चिकित्सक के तहत उनके इलाज का निर्देश नहीं दे सकता। फर्नांडीस के भाइयों की अर्जी का विरोध करते हुए उनकी पत्नी लैला कबीर के वकील अमन लेखी ने दलील दी कि यह समाजवादी नेता फिलहाल अपनी पत्नी के साथ दक्षिण दिल्ली स्थित आवास में रह रहे हैं और साकेत स्थित मैक्स अस्पताल से चिकित्सा सुविधा ले रहे हैं।

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