पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, September 13, 2010

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 20 हाईकोर्ट जजों के तबादले की सिफारिश की।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसएच कपाड़िया ने विभिन्न हाईकोर्ट के 20 जजों के तबादले की सिफारिश की है। समझा जाता है सीजेआई ने यह कदम जनहित में उठाया है। इतनी बड़ी तादाद में दूसरी बार जजों के तबादले होने जा रहे हैं। इससे पहले, देश के पूर्व सीजेआई एमएन वेंकटचलैया ने 1993 में हाईकोर्ट के 50 जजों के तबादले की सिफारिश की थी। सीजेआई कपाड़िया ने जजों के तबादलों की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है।

इनमें इलाहाबाद, पंजाब व हरियाणा तथा राजस्थान हाईकोर्ट के तीन-तीन जज शामिल हैं। इसके अतिरिक्त दिल्ली, आंध्रप्रदेश तथा मद्रास हाईकोर्ट में से प्रत्येक के दो-दो जजों का तबादला प्रस्तावित है। बाकी पांच जज ओडीशा तथा असम हाईकोर्ट के हैं।

जस्टिस कपाड़िया ने सीजेआई के रूप में शपथ लेने से पहले कहा था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि संबंधित हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में सीजेआई ने तबादलों की सिफारिश करने की कोई खास वजह नहीं बताई है। लेकिन उन्होंने संकेत दिया है कि ये तबादले जनहित में किए जा रहे हैं। तबादलों के संदर्भ में सीजेआई ने जजों को भी पत्र लिखा था। इसमें जजों से कहा गया था कि वे प्राथमिकता के अनुसार उन जगहों का नाम सुझाएं, जहां वे तबादला कराना चाहेंगे। फिलहाल तबादलों पर अमल की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है।

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