पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, September 10, 2010

वार्ता विफल होने के बाद हाईकोर्ट परिसर बना छावनी

एडीजे भर्ती परीक्षा में धांधली के मुद्दे पर वकीलों की गुरुवार को न्यायाधीश अजय रस्तोगी के साथ वार्ता विफल होने के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट परिसर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए, जिससे परिसर छावनी में तब्दील हो गया।
पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) जोस मोहन ने बताया कि परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की कमान तीन डीएसपी व दस थानाधिकारियों सहित 300 से अधिक पुलिसकर्मियों को सौंपी गई। इसमें एसटीएफ की एक कंपनी भी शामिल है। पुलिसकर्मियों व एसटीएफ के जवानों को परिसर में चप्पे-चप्पे पर साजो सामान के साथ तैनात किया व बिना पासधारी को प्रवेश नहीं दिया गया।
वहीं दूसरी ओर वकीलों का आंदोलन जारी रहा और हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों में वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। आगामी रणनीति बनाने के लिए वकीलों ने सेशन कोर्ट में आपात बैठक बुलाई। गौरतलब है कि हाई कोर्ट प्रशासन से वकीलों की दूसरे दौर की वार्ता गुरुवार को विफल होने के बाद वकीलों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी थी, जिसके तहत ही हाईकोर्ट परिसर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए।

इससे पूर्व कांग्रेस सांसद महेश जोशी व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने धरना स्थल पर पहुंचकर सहयोग का भरोसा दिलाया। ऑल राजस्थान एडवोकेट्स संघर्ष समिति अध्यक्ष नरेश शर्मा के नेतृत्व में न्यायाधीश रस्तोगी से मिले वकील प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता के जरिए उन्हें छकाने के प्रयास करने का आरोप लगाते हुए आरपार की लडाई का एलान किया। उनका आरोप था कि इस भर्ती के बारे में सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी नहीं दी जा रही है। बार कौंसिल सदस्य सज्जन राज सुराणा ने कहा कि परीक्षा के लिए तीन प्रश्नपत्र के बजाए एक ही प्रश्नपत्र तैयार करवाया गया, ऎसे में प्रश्नपत्र लीक होने के कारण परीक्षा रद्द की जाए।

दिल्ली तक सहयोग का भरोसा

उधर सांसद महेश जोशी ने कहा कि जरूरत पडी तो वे इस आंदोलन में दिल्ली तक सहयोग के लिए तैयार हैं, जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने धरना स्थल पर कहा कि वकील होने के नाते वे आंदोलन से अलग नहीं हैं। पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता कैलाश नाथ भट्ट ने भी आंदोलनकारियों को संबोधित किया। जयपुर जिला अदालत परिसर में भी क्रमिक अनशन जारी रहा। जोधपुर में भी संघर्ष समिति ने सोमवार से आमरण अनशन, प्रदर्शन, व्यापारिक बंद सहित अन्य तरीकों से आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।

कामकाम प्रभावित

हाईकोर्ट सहित प्रदेशभर में अदालतों में वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हाईकोर्ट में भी जमानत, छात्रों के प्रवेश या परीक्षा से सम्बन्घित ऎसे मामलों में ही निर्णय हो रहे, जिनमें पक्षकार अपनी पैरवी खुद करने को तैयार हों। जटिल या कानूनी पेचीदगी वाले मामलों में पक्षकारों के आग्रह पर समय दिया जा रहा है। बहिष्कार से राजस्व मण्डल सहित राजस्व अधीनस्थ अदालतों में लम्बित प्रकरणों में बढ़ोतरी हो रही है। मण्डल में पहले ही 53 हजार से अधिक मामले लम्बित हैं।

 पक्षकार परेशान

पक्षकारों को शुक्रवार को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सेशन कोर्ट, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट व कलेक्ट्रेट में स्टाम्प वेंडरों के नहीं बैठने के कारण पक्षकारों को स्टाम्प पेपर, पाई पेपर, कोर्ट फीस टिकट, रेवेन्यू टिकट, नकल के फार्म, वकालत नामे व अन्य अदालती स्टेशनरी मुहैया नहीं हो सकी। कोर्ट फीस टिकट नहीं मिलने के कारण जहां पक्षकार आदेशों की नकल नहीं ले सके, वहीं अदालतों में नए दावे व याचिकाएं भी पेश नहीं कर सके। फोटो स्टेट संचालकों व टाईपिस्टों के अदालतों में नहीं बैठने के कारण पक्षकारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि वकील पिछले पन्द्रह दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

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