पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, October 11, 2010

क्यों न रिश्वत को मान्यता दे दें राज्य सरकारें: सुप्रीम कोर्ट

भारत में सरकारी दफ्तरों में फाइलें कैसे आगे बढ़ती है इससे देशवासी भलीभांति परिचित हैं। अब देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार सरकारी तंत्र का हिस्सा बन चुका है। एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकारी विभागों खासतौर पर आयकर, बिक्रीकर और आबकारी विभागों में कोई भी काम बिना पैसा दिए नहीं होता

न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की पीठ ने कहा कि भारत के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि अब भ्रष्टाचार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाई गई इकाईयां ही भ्रष्टाचार में लिप्त पाई जाती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने खासतौर पर आबकारी, आयकर और बिक्रीकर विभागों में व्याप्त रिश्वतखोरी पर चिंता जाहिर की। देश के शीर्ष न्यायालय ने यह बात पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा आयकर निरिक्षक मोहनलाल शर्मा को बरी किए जाने के फैसले के विरोध में दायर की गई सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही।


सीबीआई की ओर से अतिरक्त महाधिवक्ता पीपी मल्होत्रा ने कहा कि निचली अदालत द्वारा शर्मा को एक व्यक्ति से 10 हजार रुपए रिश्तव लेने का दोषी पाए जाने पर एक साल की सजा सुनाने के बाद भी हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने व्यंग्य करते हुए कहा कि बेहतर है राज्य सरकारे रिश्वतखोरी को वैध कर दे ताकि लोग एक निश्चित राशि देकर सरकारी विभागों में अपना काम करा ले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा रिश्वतखोरी की एक दर तय कर दी जाए जिससे लोगों को भी रिश्वत देने में आसानी होगी। इससे हर आदमी को यह भी पता लग जाए की अमुख काम के लिए उसे कितनी रिश्वत देनी है।

अदालत में मौजूद आरोपी शर्मा ने पीठ के सामने कहा कि वो काफी गरीब है और उसे गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयकर, आबकारी और बिक्रीकर विभागों के में भ्रष्टाचार व्याप्त है और अधिकारी काफी अमीर है।

पीठ ने वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल से भी रिश्वत को वैध करने संबंधी अपनी बात पर राय मांगी। इस वेणुगोपाल ने कहा कि देश के लिए बेहतर होगा कि स्कूलों में बच्चों को अच्छी नैतिक शिक्षा दी जाए।

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