पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, December 24, 2010

दहेजलोभी मजिस्ट्रेट हंगामा करने और दुल्हन को चांटे मारने के मामले में बर्खास्त

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के शहडोल जिले में पदस्थ न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपनी शादी के दौरान बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचने के बाद दहेज में एक लाख रुपए और कार की मांग पूरी नहीं करने पर हंगामा करने और दुल्हन को चांटे मारने के मामले में बर्खास्त कर दिया है।

उच्च न्यायालय के सतर्कता पंजीयक के डी खान ने दूरभाष पर बताया कि इस मामले में राज्यपाल से आदेश प्राप्त होने के बाद आरोपी न्यायिक मजिस्ट्रेट इंदर सिंह मालवीय को गुरुवार को बर्खास्त कर दिया गया। इस मामले में देवास के पुलिस अधीक्षक ने उच्च न्यायालय को लगभग 20 दिन पहले उच्च न्यायालय को न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत भेजी थी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर न्यायालय के सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की और इंदौर खंडपीठ के मुख्य सतर्कता प्रमुख और शहडोल जिला न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी थी। एक सप्ताह पहले सभी रिपोर्ट मिलने पर मुख्य न्यायाधीश और प्रशासनिक समिति के समक्ष यह मामला रखा गया था। कमेटी ने आरोपी मजिस्ट्रेट की बर्खास्तगी की अनुशंसा राज्य सरकार को भेज दी थी।

राज्यपाल कार्यालय से बुधवार को आरोपी मजिस्ट्रेट की बर्खास्तगी के आदेश उच्च न्यायालय को प्राप्त हुए और इस आदेश को गुरुवार को शहडोल में मजिस्ट्रेट इंदर सिंह को थमा दिए गए। दुल्हन मोनिका ने दहेज लोभी मजिस्ट्रेट इंदर सिंह के खिलाफ देवास के कोतवाली थाने में लिखित शिकायत की थी। पुलिस ने मौके पर पहुचंने के बाद मोनिका का मेडिकल कराया और आरोपी इंदर सिंह के खिलाफ मारपीट और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया था।

आरोपी मजिस्ट्रेट गत दो दिसंबर को अपनी बारात लेकर देवास शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में मोनिका के घर गया था। बारात पहुंचने के बाद दूल्हा मजिस्ट्रेट ने दुल्हन के पिता से दहेज में एक लाख रुपए नगद और मारुति कार की मांग करने लगा। दुल्हन के पिता ने इस मांग को मानने से इन्कार करने पर आरोपी ने दुल्हन को चांटे मारे थे।

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