tag:blogger.com,1999:blog-11881837191144122192024-03-06T08:39:26.983+05:30Rajasthan Lawyer's Blogविधिक सूचनाओं का संकलनRakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.comBlogger1013125tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-53902691015178864712011-04-19T22:50:00.000+05:302011-04-19T22:50:29.751+05:30संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णनपूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकते। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता पी बालाचंद्रन की ओर से आयरकर विभाग से बालाकृष्णन की संपत्ति की सूचना मांगने पर आयकर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने हलफाना दाखिल किया है कि वह अपनी सम्पत्ति को Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-46920528328716735662011-04-19T22:47:00.002+05:302011-04-19T22:47:47.414+05:30संवैधानिक अधिकार है संपत्ति का अधिकारसुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और सरकार मनमाने तरीके से किसी व्यक्ति को उसकी भूमि से वंचित नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए।
पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-78881289004614686612011-04-19T22:39:00.001+05:302011-04-19T22:39:47.123+05:30"माइ लार्ड" संबोधन में बदलाव के बाद अब "कोट और गाउन" पर भी सवाल.बिलासपुर हाईकोर्ट में बार एसोसिएशन के निर्णयानुसार माइ लार्ड संबोधन में बदलाव के बाद न्यायाधीशों व वकीलों की ड्रेस पर भी अब बहस छिड़ गई है। जजों व वकीलों के कोट एवं गाउन को दासता एवं गुलामी का प्रतीक मानकर इन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। वकीलों का मानना है कि बार एसोसिएशन को इस संबंध में भी पहल करनी चाहिए ताकि ब्रिटिश शासन की प्रतीक इस वेशभूषा में बदलाव आ सके।
विदित रहे कि सप्ताह भर पहले चंडीगढ़Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-39956112697042655852011-04-19T22:33:00.000+05:302011-04-19T22:33:01.979+05:30अफसरों के लिए ऑक्सीजन बना ‘गूगल अर्थ’डबुआ एयरफोर्स मामले में हाईकोर्ट की कार्रवाई से बचने के लिए नगर निगम ने ‘गूगल अर्थ’ का हाथ थामा है, जो ऐसे माहौल में निगम को ऑक्सीजन देने की भूमिका अदा कर रहा है। दरअसल, अगली तारीख पर कोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के लिए निगम अफसरों ने गूगल अर्थ को सर्च करना शुरू कर दिया है। इसमें एयरफोर्स स्टेशन के आसपास बने मकानों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
गौरतलब है कि एक जनहित याचिका की सुनवाई Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-2423437780266998412011-04-19T22:30:00.000+05:302011-04-19T22:30:29.163+05:30बार कौंसिल चुनाव में आरक्षण को लेकर याचिकाबार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चुनाव में पिछड़े वर्ग के वकीलों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस मामले पर सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
बार कौंसिल के सदस्य पद पर चुनाव लड़ रहे हरदोई के अधिवक्ता मोतीलाल यादव द्वारा सोमवार को दाखिल इस याचिका में कहा गया कि आरक्षण के नियमों के तहत बार कौंसिल ऑफ यूपी के इन चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-68207292945486901472011-04-19T22:28:00.000+05:302011-04-19T22:28:45.638+05:30मंगल, गुरू को लग सकेंगे नए मुकदमेजयपुर, हाईकोर्ट में मंगलवार और गुरूवार को पुराने मुकदमों की ही सुनवाई की विशेष व्यवस्था को अस्थायी तौर पर वापस ले लिया गया है। साथ ही, तय किया कि अब हाईकोर्ट में सभी अदालतों के लिए कॉजलिस्ट भी लम्बी बनाई जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि व्यवस्था सम्बन्धी यह बदलाव अमल में आ गया है। इसके अलावा कुछ न्यायाधीशों के निर्देशों पर उनकी अदालतों में सीमित मुकदमे ही लग रहे थे, अब कॉज लिस्ट में लगने वाले Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-5130274865504702852011-01-17T07:41:00.000+05:302011-01-17T07:41:07.447+05:30अपराध न्याय प्रणाली नहीं कर रही उचित ढंग से काम : उच्चतम न्यायालयबलात्कार और अपहरण के एक आरोपी को बरी करने में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ‘‘लापरवाही भरे दृष्टिकोण’’ से नाराज उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि देश में अपराध न्याय प्रणाली उचित ढंग से ‘‘काम नहीं कर रही’’.
शीर्ष अदालत ने समस्या से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की सिफ़ारिश की. न्यायमूर्ति आफ़ताब आलम और न्यायमूर्ति आरएम लोढा की पीठ ने कहा, ‘‘हम यह देखने को विवश हैं कि हमारे देश में अपराध न्याय प्रणाली Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-19473649479154401532011-01-17T07:39:00.000+05:302011-01-17T07:39:08.720+05:30धोखाधड़ी में फंसे आरएएस अधिकारीचित्तौड़गढ़ की कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व चित्तौड़गढ़ के तत्कालीन अतिरिक्त कलक्टर बी.एस. गर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। गर्ग पर अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण तैयार कर नौकरी पाने का आरोप है। गर्ग वर्तमान में उदयपुर में खनिज विभाग में अतिरिक्त निदेशक प्रशासन के पद पर कार्यरत हैं।
चित्तौड़गढ़ निवासी गंगाधर पुत्र मांगीलाल सोलंकी ने मुख्य Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-56586429539723867842011-01-17T07:37:00.002+05:302011-01-17T07:37:45.444+05:30बेटिकट यात्रा मामले में महिला मजिस्ट्रेट की बर्खास्तगी बरकरारउच्चतम न्यायालय ने ट्रेन में तीन बार बेटिकट यात्रा करने वाली महिला मजिस्ट्रेट की बर्खास्तगी को बरकरार रखते हुए कहा है कि न्यायाधीशों से त्रुटिहीन ईमानदारी बनाये रखने की अपेक्षा की जाती है ताकि वे समाज के लिये आदर्श पेश कर सकें.
न्यायमूर्ति मुकुंदकम शर्मा और न्यायमूर्ति ए. आर दवे की पीठ ने अपने फ़ैसले में कहा कि न्यायाधीशों को ईमानदारी का उच्चतम स्तर बनाये रखना चाहिये क्योंकि जनता के मन में Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-73804558564358125352011-01-17T07:36:00.000+05:302011-01-17T07:36:46.800+05:30चेक बाउंस होने के मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत : न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय के एक फैसले को खारिज करते हुए व्यवस्था दी है कि चेक बाउंस होने के मामले में किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश जारी करने की मजिस्ट्रेट की शक्ति को नकारा नहीं जा सकता.
केरल उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस तरह के मामलों में व्यक्तिगत पेशी की आवश्यकता नहीं है.
उच्चतम न्यायालय ने इस पर कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला निचली अदालतों Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-10068810003127786752011-01-17T07:34:00.000+05:302011-01-17T07:34:50.932+05:30शीला और बुखारी के खिलाफ अवमानना याचिकामुख्यमंत्री शीला दीक्षित और जामा मस्जिद के शाही ईमाम सैयद अहमद बुखारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। यह मांग दिल्ली के एक रेजीडेन्ट्स एसोसियेशिन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके की है।
एसोसियेशन के मुताबिक, एक अवैध मस्जिद को गिराने के बाद डीडीए ने दोबारा उस पर कब्जा कर लिया था। दोनों नेताओं ने लोगों को इस सरकारी जमीन से गुजरने और वहां नमाज अदा करने के लिए Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-89709165770442179812011-01-17T07:29:00.000+05:302011-01-17T07:29:51.697+05:30यूपीएससी को वर्ष 2010 की प्रारंभिक परीक्षा के अंक घोषित करने के आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका के आधार पर केंद्रीय संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी को वर्ष 2010 की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों के अंकों की घोषणा करने का आदेश दिया है.
यह आदेश उस याचिका पर आया है जिसमें यूपीएससी को हर विषय के लिए सामान्य, अन्य पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति जैसी विभिन्न श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए कट आफ़ अंक घोषित करने तथा संबद्ध दस्तावेजों की प्रतियां Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-79915005822842172482011-01-14T20:14:00.000+05:302011-01-14T20:14:48.963+05:30खातेदारों का नाम बताए सरकार: उच्चतम न्यायालयउच्चतम न्यायालय ने विदेशी बैंकों में जमा काले धन के मामले में केन्द्र के रवैये से नाराजगी जताते हुए उसे 19 जनवरी तक खातेदारों के नामों का खुलासा करने का आज निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बी एस सुदर्शन रेड्डी तथा न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की खंडपीठ ने जाने माने कानूनविद राम जेठ मलानी एवं अन्य की याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार से पूछा कि विदेशी बैंकों में कालाधन जमा कराने वाले लोगों के नामों Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-80637674348045147932011-01-14T20:09:00.000+05:302011-01-14T20:09:35.763+05:30अपने बच्चों को कैसे मार सकता है भारत- सुप्रीम कोर्टमाओवादी नेता आजाद और स्वतंत्र पत्रकार हेमचंद पांडे के एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाएं हैं. सर्वोच्च अदालत ने सरकार से कहा है कि हमारा गणत्रंत अपने बच्चों को नहीं मार सकता. सरकार से मांगा संतोषजनक जवाब. सुप्रीम कोर्ट ने माओवादी नेता राजकुमार उर्फ आजाद और हेमचंद्र पांडे को मारने पर अफसोस जताया. इन दोनों को बीते साल पुलिस ने आंध्र प्रदेश के जंगलों में एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-81335710016015269322011-01-14T20:06:00.001+05:302011-01-14T21:26:09.210+05:30कपाडिया को 'भ्रष्ट' बताने वाले वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्यवाहीसुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस के खिलाफ कथित तौर पर आरोप लगाने के मामले को लेकर वकील प्रशांत भूषण के जवाब से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने भूषण के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी। इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण से कहा था कि अवमानना की कार्यवाही खत्म कर देंगे, बशर्ते की प्रशांत भूषण इस मामले में माफी मांगे। लेकिन प्रशांत भूषण ने कहा कि वह Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-74579604614339881242011-01-08T22:02:00.000+05:302011-01-08T22:02:32.894+05:30एसडीएम समेत चार अधिकारियों पर हर्जानाइलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एसडीएम सदर समेत चार अधिकारियों पर हर्जाना लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश राजस्व अभिलेख में गलत प्रविष्टि पर दिया है। आदेश में इलाहाबाद के एसडीएम सदर पर बीस हजार, तहसीलदार सदर पर पंद्रह, नायब तहसीलदार पर दस हजार तथा लेखपाल पर पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। यह आदेश भी दिया कि अगली सुनवाई की तिथि पर हर्जाना राशि बैंक ड्राफ्ट के जरिए न्यायालय के समक्ष जमा Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-8882062148119942642011-01-08T21:48:00.000+05:302011-01-08T21:48:20.947+05:30किसी को धर्मस्थल बनाना है तो वह निजी जमीन पर ही बनाएं : हाईकोर्टमप्र हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सरकारी भूमि पर धर्मस्थल बनाने के मामले पर कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट की जस्टिस केके लाहोटी और जस्टिस अजीत सिंह की युगलपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा -किसी को धर्मस्थल बनाना है तो वह निजी जमीन पर ही बनाएं।
सरकारी भूमि पर किसी को भी धर्मस्थल बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। शहर के सतीश कुमार वर्मा ने यह जनहित याचिका दायर करके शहर की प्रमुख सड़कों के Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-25449967288507221072011-01-08T21:37:00.000+05:302011-01-08T21:37:00.446+05:30निचली अदालतों को मिले डीएनए जांच के आदेश के अधिकार-उच्चतम न्यायालयउच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र सरकार से कहा कि वह मजिस्ट्रेटी अदालतों को अज्ञात शवों की डीएनए जांच :डीएनए प्रोफाइलिंग कराने के आदेश देने का अधिकार देने की संभावनाएं तलाशे। गौरतलब है कि डीएनए जांच से यह पता करने में सहूलियत होती है कि अज्ञात शव जिस व्यक्ति का है उसके परिजन कौन हैं।
मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह कोई निर्देश नहीं दे सकती लेकिन केंद्र सरकार से Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-76333982150884178762011-01-08T21:25:00.000+05:302011-01-08T21:25:23.802+05:30बालाकृष्णन पद छोड़ें : बार एसोसिएशनकोझीकोड बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को यहां एक संकल्प पारित कर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालकृष्णन को अपने पद से हटने और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए कहा।
एसोसिएशन के दो सदस्यों को छोड़ 100 से अधिक सदस्यों ने संकल्प का समर्थन किया। यह पहला मौका है जब बार एसोसिएशन ने एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ संकल्प पारित किया है। एसोसिएशन ने Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-1427839099433820412011-01-02T21:26:00.000+05:302011-01-02T21:26:10.771+05:30आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का हनन- उच्चतम न्यायालयउच्चतम न्यायालय ने स्वीकार किया है कि 1976 में आपातकाल के समर्थन में दिये गये इसके फ़ैसले से देश में बडी संख्या में लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ.
न्यायमूर्ति आफ़ताब आलम और अशोक कुमार गांगुली की पीठ ने एक फ़ैसले में कहा कि आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला मामले (1976) में पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ द्वारा मौलिक अधिकारों को निलंबित रखने का बहुमत से लिया गया फ़ैसला एक ‘‘Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-65293462330664881712010-12-24T22:16:00.000+05:302010-12-24T22:16:45.156+05:30दहेजलोभी मजिस्ट्रेट हंगामा करने और दुल्हन को चांटे मारने के मामले में बर्खास्तमध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के शहडोल जिले में पदस्थ न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपनी शादी के दौरान बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचने के बाद दहेज में एक लाख रुपए और कार की मांग पूरी नहीं करने पर हंगामा करने और दुल्हन को चांटे मारने के मामले में बर्खास्त कर दिया है।
उच्च न्यायालय के सतर्कता पंजीयक के डी खान ने दूरभाष पर बताया कि इस मामले में राज्यपाल से आदेश प्राप्त होने के बाद आरोपी न्यायिक Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-36376545449721762322010-12-24T07:11:00.000+05:302010-12-24T07:11:04.526+05:30सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल करने पर रोक राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गुरुवार को उरमूल डेयरी बीकानेर के कर्मचारियों की सेवानिवृत्त 60 साल में करने पर रोक लगा दी है। अब उन्हें 58 साल की उम्र में ही सेवानिवृत्त किया जाएगा।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 दिसंबर को एक आदेश जारी कर उरमूल डेयरी के कर्मचारियों को साठ साल में सेवानिवृत्त करने के आदेश दिए थे। इस पर उरमूल डेयरी ने सेवानिवृत्ति की उम्र साठ साल कर दी, फिर डेयरी ने अपने Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-47297984561708319492010-12-19T17:10:00.000+05:302010-12-19T17:10:10.752+05:30आपराधिक मामलों में बयानों में मामूली फर्क की अनदेखी जायज-सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामलों में किसी अभियुक्त को दोषी ठहराते वक्त गवाहों के बयानों में मामूली अंतरों की उपेक्षा की जा सकती है।
न्यायमूर्ति एच एस बेदी और न्यायमूर्ति सी के प्रसाद की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में गवाह पेश किए जाते हैं और ऐसे में उनके बयानों में अंतर आना स्वाभावित है, इसके तहत किसी अभियुक्त को संदेह का लाभ दिए जाने को उचित नहीं ठहरायाRakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-19411199960467848412010-12-19T17:00:00.002+05:302010-12-19T17:00:38.275+05:30दुष्कर्म का झूठा मामला, महिला पर मुकदमादिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा के एक पुलिसकर्मी पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने वाली एक महिला, उसके पति एवं ससुर के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने पुलिस सब इंसपेक्टर तथा दो कांस्टेबलों को इस महिला के अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया है तथा आरोप लगाने वाली इस महिला और उसके दो रिश्तेदारों के खिलाफ आपराधिक सुनवाई का आदेश दिया। यह महिला Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1188183719114412219.post-13365628780114864302010-12-19T16:59:00.000+05:302010-12-19T16:59:36.486+05:30पत्र में राजा का नाम था: न्यायाधीश रघुपतिएक आपराधिक मामले में न्यायपालिका को प्रभावित करने के पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा के कथित प्रयास को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व न्यायधीश एस रघुपति ने दोहराया कि उनके पत्र में राजा का नाम था। उन्होंने कहा कि जो पत्र उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायधीश एच एल गोखले को लिखा था, उसमें ए राजा का नाम था।
गौरतलब है कि एक वकील आपराधिक मामले में बंद आरोपी को जमानत Rakesh Shekhawathttp://www.blogger.com/profile/17830031877729972398noreply@blogger.com0