सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी के क्रम में यमुना तट पर खेल परिसरों और लगभग एक हजार आवासीय फ्लैट के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यमुना तट पर निर्माण कार्य को चुनौती देने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
याचिकाकर्ताओं ने नदी के तटीय इलाके में निर्माण कार्य के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायालय ने यह भी साफ कर दिया कि ये खेल परिसर और रिहायशी फ्लैट राष्ट्रमंडल खेलों की समाप्ति के बाद भी बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को भी खारिज कर दिया, जिसमें पर्यावरण के नुकसान का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का निर्देश दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने नदी के तटीय इलाके में निर्माण कार्य के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायालय ने यह भी साफ कर दिया कि ये खेल परिसर और रिहायशी फ्लैट राष्ट्रमंडल खेलों की समाप्ति के बाद भी बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को भी खारिज कर दिया, जिसमें पर्यावरण के नुकसान का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का निर्देश दिया गया था।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment