राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गुरुवार को उरमूल डेयरी बीकानेर के कर्मचारियों की सेवानिवृत्त 60 साल में करने पर रोक लगा दी है। अब उन्हें 58 साल की उम्र में ही सेवानिवृत्त किया जाएगा।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 दिसंबर को एक आदेश जारी कर उरमूल डेयरी के कर्मचारियों को साठ साल में सेवानिवृत्त करने के आदेश दिए थे। इस पर उरमूल डेयरी ने सेवानिवृत्ति की उम्र साठ साल कर दी, फिर डेयरी ने अपने अधिवक्ता राजेश जोशी के मार्फत हाईकोर्ट की खंडपीड में विशेष अपील लगाई। इस अपील की गुरुवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ के न्यायाधीश एएम सप्रे और सीएम तोतला ने सुनवाई की। दोनों न्यायाधीशों की खंडपीठ ने इस अपील पर अपना फैसला देते हुए एकल पीठ के उस निर्णय को अपास्त कर दिया, जिसमें सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से 60 साल की गई थी। इस फैसले के बाद उरमूल डेयरी के कर्मचारियों को अब 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त किया जा सकेगा।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 13 दिसंबर को एक आदेश जारी कर उरमूल डेयरी के कर्मचारियों को साठ साल में सेवानिवृत्त करने के आदेश दिए थे। इस पर उरमूल डेयरी ने सेवानिवृत्ति की उम्र साठ साल कर दी, फिर डेयरी ने अपने अधिवक्ता राजेश जोशी के मार्फत हाईकोर्ट की खंडपीड में विशेष अपील लगाई। इस अपील की गुरुवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ के न्यायाधीश एएम सप्रे और सीएम तोतला ने सुनवाई की। दोनों न्यायाधीशों की खंडपीठ ने इस अपील पर अपना फैसला देते हुए एकल पीठ के उस निर्णय को अपास्त कर दिया, जिसमें सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से 60 साल की गई थी। इस फैसले के बाद उरमूल डेयरी के कर्मचारियों को अब 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त किया जा सकेगा।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment