आमतौर पर अदालत में मुकदमे पर तारीख पर तारीख पड़ने की बात सुनने को मिलती है, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक नि:शक्त को पहली ही सुनवाई पर राहत देकर विश्व विकलांग दिवस का तोहफा दिया।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने मानसिंह की याचिका यह कार्यवाही की। प्रार्थी ने पीटीईटी के जरिए बीएड में दाखिले की पात्रता हासिल की थी , उसे कॉलेज भी आवंटित हो गया। फीस जमा कराने के बावजूद भरतपुर के महाराजा अग्रसेन टी.टी. महाविद्यालय ने उसे पाठ्यक्रम में शामिल करने से इनकार कर दिया।
प्रार्थीपक्ष के अनुसार कॉलेज प्रार्थी के दोनों पैरों से चलने-फिरने में अक्षम होने के कारण दाखिले से इनकार कर रहा है, जबकि वह पूरे सत्र कुर्सी या जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को तैयार है। प्रार्थी ने डीग के एमएजे गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। उसने बीएड के लिए आवंटित कॉलेज में फीस जमा कराने की रसीद भी दिखाई।
न्यायालय ने इसे नोटिस जारी किए बिना ही मंजूर कर लिया और कॉलेज को निर्देश दिया कि वह पाठ्यक्रम की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होने दे। साथ ही नि:शक्तजन सम्बन्धी कानून के तहत सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराए।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने मानसिंह की याचिका यह कार्यवाही की। प्रार्थी ने पीटीईटी के जरिए बीएड में दाखिले की पात्रता हासिल की थी , उसे कॉलेज भी आवंटित हो गया। फीस जमा कराने के बावजूद भरतपुर के महाराजा अग्रसेन टी.टी. महाविद्यालय ने उसे पाठ्यक्रम में शामिल करने से इनकार कर दिया।
प्रार्थीपक्ष के अनुसार कॉलेज प्रार्थी के दोनों पैरों से चलने-फिरने में अक्षम होने के कारण दाखिले से इनकार कर रहा है, जबकि वह पूरे सत्र कुर्सी या जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को तैयार है। प्रार्थी ने डीग के एमएजे गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। उसने बीएड के लिए आवंटित कॉलेज में फीस जमा कराने की रसीद भी दिखाई।
न्यायालय ने इसे नोटिस जारी किए बिना ही मंजूर कर लिया और कॉलेज को निर्देश दिया कि वह पाठ्यक्रम की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होने दे। साथ ही नि:शक्तजन सम्बन्धी कानून के तहत सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराए।
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