उच्चतम न्यायालय ने विदेशी बैंकों में जमा काले धन के मामले में केन्द्र के रवैये से नाराजगी जताते हुए उसे 19 जनवरी तक खातेदारों के नामों का खुलासा करने का आज निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बी एस सुदर्शन रेड्डी तथा न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की खंडपीठ ने जाने माने कानूनविद राम जेठ मलानी एवं अन्य की याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार से पूछा कि विदेशी बैंकों में कालाधन जमा कराने वाले लोगों के नामों का खुलासा करने में उसे क्या आपत्ति है।
केन्द्र सरकार की दलीलों से असंतुष्ट खंडपीठ ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और इस पर सरकार का रवैया ठीक नहीं है। खंडपीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि वह इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 19 जनवरी तक खातेदारों के नामों का खुलासा करे।
उल्लेखनीय है कि जर्मन सरकार ने भारत सरकार को एक सूची सौंपी है, जिसमें उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने वहां के बैंकों में कालाधन जमा कराये हैं।
न्यायमूर्ति बी एस सुदर्शन रेड्डी तथा न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की खंडपीठ ने जाने माने कानूनविद राम जेठ मलानी एवं अन्य की याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार से पूछा कि विदेशी बैंकों में कालाधन जमा कराने वाले लोगों के नामों का खुलासा करने में उसे क्या आपत्ति है।
केन्द्र सरकार की दलीलों से असंतुष्ट खंडपीठ ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और इस पर सरकार का रवैया ठीक नहीं है। खंडपीठ ने केन्द्र को निर्देश दिया कि वह इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 19 जनवरी तक खातेदारों के नामों का खुलासा करे।
उल्लेखनीय है कि जर्मन सरकार ने भारत सरकार को एक सूची सौंपी है, जिसमें उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने वहां के बैंकों में कालाधन जमा कराये हैं।
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