सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि हिसार जिले के मिर्चपुर गांव के जातीय हिंसा के पीड़ितों की सुरक्षा हरियाणा सरकार का कर्तव्य है।
न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति सी. के. प्रसाद की सदस्यता वाली सर्वोच्चा न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि दलितों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफलता गंभीरता से ली जाएगी। न्यायालय ने सरकार को दलितों के उन 18 मकानों का भी पुनर्निर्माण कराने का आदेश दिया जिन्हें 21 अप्रैल को कथित तौर पर जाट समुदाय के लोगों ने जला दिया था। न्यायालय ने कहा कि पीड़ित परिवार के एक-एक सदस्य को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत या फिर राज्य सरकार की ऎसी ही किसी योजना के तहत रोजगार दिलाया जाय। चण्डीगढ़ से करीब 300 किलोमीटर दूर हिसार के एक गांव से 21 अप्रैल को 150 दलितों को गांवों से खदे़ड दिया गया था और उनके मकानों में आग लगा दी गई थी। इस हमले में 70 साल के एक बुजुर्ग और उनकी 18 वर्षीया विकलांग पोती की मौत हो गई थी और कम से कम 18 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे।
न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति सी. के. प्रसाद की सदस्यता वाली सर्वोच्चा न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि दलितों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफलता गंभीरता से ली जाएगी। न्यायालय ने सरकार को दलितों के उन 18 मकानों का भी पुनर्निर्माण कराने का आदेश दिया जिन्हें 21 अप्रैल को कथित तौर पर जाट समुदाय के लोगों ने जला दिया था। न्यायालय ने कहा कि पीड़ित परिवार के एक-एक सदस्य को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत या फिर राज्य सरकार की ऎसी ही किसी योजना के तहत रोजगार दिलाया जाय। चण्डीगढ़ से करीब 300 किलोमीटर दूर हिसार के एक गांव से 21 अप्रैल को 150 दलितों को गांवों से खदे़ड दिया गया था और उनके मकानों में आग लगा दी गई थी। इस हमले में 70 साल के एक बुजुर्ग और उनकी 18 वर्षीया विकलांग पोती की मौत हो गई थी और कम से कम 18 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे।
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