सर्वोच्च न्यायालय ने बाल न्याय (बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा) कानून को लागू न करने लिए शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की। संसद ने इस कानून को एक दशक पहले ही पारित कर दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन और न्यायमूर्ति एच.एल. गोखले की पीठ ने कहा कि इस कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य सरकारों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिए जाने के बावजूद उसने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
Friday, September 24, 2010
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