समाजवादी पार्टी से निष्कासित राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने सदन से अयोग्य ठहराये जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
श्री सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद उन्हें निर्दलीय सदस्य का दर्जा प्राप्त हो चुका है और पार्टी का व्हिप मानने के लिए वह बाध्य नहीं हैं।
उनकी दलील है कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कोई सांसद या विधायक जब अपनी मर्जी से पार्टी छोडता है तो उसे अयोग्य ठहराये जाने का प्रावधान है। लेकिन जब किसी सांसद या विधायक को पार्टी से निकाला जाता है तो उसे अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता।
उनकी इस याचिका की सुनवाई संभवतः अगले सप्ताह होगी।
श्री सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद उन्हें निर्दलीय सदस्य का दर्जा प्राप्त हो चुका है और पार्टी का व्हिप मानने के लिए वह बाध्य नहीं हैं।
उनकी दलील है कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत कोई सांसद या विधायक जब अपनी मर्जी से पार्टी छोडता है तो उसे अयोग्य ठहराये जाने का प्रावधान है। लेकिन जब किसी सांसद या विधायक को पार्टी से निकाला जाता है तो उसे अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता।
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