राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर 30 न्यायिक अधिकारियों को ग्राम न्यायालयों में न्यायाधिकारी नियुक्त किया है।
रजिस्ट्रार कार्यालय से जारी आदेशानुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट धूंकलराम कसवां को ग्राम न्यायालय पीसांगन (अजमेर), शक्तिसिंह को तिजारा (अलवर), जयपाल जानी को बाड़मेर, दीपक दुबे को अटरू (बांरा), राजेन्द्रसिंह जाटव को गड्डी (बांसवाड़ा), नरेन्द्रसिंह को रूपवास (भरतपुर), राजेन्द्र चौधरी को मांडल (भीलवाड़ा), सुनील कुमार बिश्रोई को बीकानेर, रिषीकुमार को कोलायत (बीकानेर), रामचन्द्र मीना को तालेरा (बूंदी), हेमराज को चित्तौडग़ढ़, अशीन कुलश्रेष्ठ को राजगढ़ (चूरू), जगतसिंह पंवार को दौसा, देवेन्द्रसिंह भाटी को आसपुर (डूंगरपुर), संतोषकुमार को श्रीगंगानगर, महेन्द्र प्रताप बेनीवाल को अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), शिवकुमार को हनुमानगढ़, पंकज नरूका को बस्सी (जयपुर), योगेशचन्द्र यादव को सांभर (जयपुर), राजेश शर्मा को पोकरण (जैसलमेर), दलपतसिंह राजपुरोहित को मण्डोर (जोधपुर), प्रदीप कुमार (द्वितीय) को ओसियां (जोधपुर), महावीर महावर को हिंडौन (करौली), किशोर कुमार तालेपा को खेराबाद (कोटा), वीरेन्द्रप्रतापसिंह को जायल (मेड़ता), शिवप्रसाद तम्बोली को रेलमगरा (राजसमंद), इसरत खोखर को पीपराली (सीकर), तनसिंह चारण को पिंडवाड़ा (सिरोही), मुकेश आर्य को देवली (टोंक) और न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ.सूर्यप्रकाश पारीक को गिरवा (उदयपुर) ग्राम न्यायालय का न्यायाधिकारी नियुक्त किया गया है।
इन मामलों की होगी सुनवाई
ग्राम पंचायत में फौजदारी, सिविल व अन्य विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी। फौजदारी कानून के तहत ऐसे मुकदमें सुने जाएंगे जिनमें दो साल या इससे कम कैद की सजा का प्रावधान है। चोरी, चोरी का माल खरीदने, चोरी का माल नष्ट करने के मामलों की भी सुनवाई होगी। इसमें शर्त है कि संपत्ति बीस हजार रुपए से ज्यादा की नहीं हो। आईपीसी की धारा 454, 456, 504 और 506 व आपराधिक मामले भी सुने जाएंगे।
मजदूरी भुगतान अधिनियम, न्यूनतम मजूदरी अधिनियम, सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 125 सीआरपीसी के तहत परिवार, बच्चों व माता पिता के भरण पोषण से जुड़े मामले, बंधुआ मजदूर अधिनियम, समान मजदूरी अधिनियम, घरेलू हिंसा कानून के मामले, संपत्ति की खरीद फरोख्त, आम रास्ते से उपयोग का मामला, सिंचाई पानी से जुड़ा विवाद, कृषि भूमि व फार्म हाउस के मामले, वाटर चैनल, कुंए व टयूबवैल से पानी लेने का अधिकार, व्यापार व उधारी से जुड़े धन वाद, पार्टनरशिप, जुताई साझेदारी विवाद, वन संपदा के उपयोग से जुड़े विवाद सुने जाएंगे।
रजिस्ट्रार कार्यालय से जारी आदेशानुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट धूंकलराम कसवां को ग्राम न्यायालय पीसांगन (अजमेर), शक्तिसिंह को तिजारा (अलवर), जयपाल जानी को बाड़मेर, दीपक दुबे को अटरू (बांरा), राजेन्द्रसिंह जाटव को गड्डी (बांसवाड़ा), नरेन्द्रसिंह को रूपवास (भरतपुर), राजेन्द्र चौधरी को मांडल (भीलवाड़ा), सुनील कुमार बिश्रोई को बीकानेर, रिषीकुमार को कोलायत (बीकानेर), रामचन्द्र मीना को तालेरा (बूंदी), हेमराज को चित्तौडग़ढ़, अशीन कुलश्रेष्ठ को राजगढ़ (चूरू), जगतसिंह पंवार को दौसा, देवेन्द्रसिंह भाटी को आसपुर (डूंगरपुर), संतोषकुमार को श्रीगंगानगर, महेन्द्र प्रताप बेनीवाल को अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), शिवकुमार को हनुमानगढ़, पंकज नरूका को बस्सी (जयपुर), योगेशचन्द्र यादव को सांभर (जयपुर), राजेश शर्मा को पोकरण (जैसलमेर), दलपतसिंह राजपुरोहित को मण्डोर (जोधपुर), प्रदीप कुमार (द्वितीय) को ओसियां (जोधपुर), महावीर महावर को हिंडौन (करौली), किशोर कुमार तालेपा को खेराबाद (कोटा), वीरेन्द्रप्रतापसिंह को जायल (मेड़ता), शिवप्रसाद तम्बोली को रेलमगरा (राजसमंद), इसरत खोखर को पीपराली (सीकर), तनसिंह चारण को पिंडवाड़ा (सिरोही), मुकेश आर्य को देवली (टोंक) और न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ.सूर्यप्रकाश पारीक को गिरवा (उदयपुर) ग्राम न्यायालय का न्यायाधिकारी नियुक्त किया गया है।
इन मामलों की होगी सुनवाई
ग्राम पंचायत में फौजदारी, सिविल व अन्य विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी। फौजदारी कानून के तहत ऐसे मुकदमें सुने जाएंगे जिनमें दो साल या इससे कम कैद की सजा का प्रावधान है। चोरी, चोरी का माल खरीदने, चोरी का माल नष्ट करने के मामलों की भी सुनवाई होगी। इसमें शर्त है कि संपत्ति बीस हजार रुपए से ज्यादा की नहीं हो। आईपीसी की धारा 454, 456, 504 और 506 व आपराधिक मामले भी सुने जाएंगे।
मजदूरी भुगतान अधिनियम, न्यूनतम मजूदरी अधिनियम, सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 125 सीआरपीसी के तहत परिवार, बच्चों व माता पिता के भरण पोषण से जुड़े मामले, बंधुआ मजदूर अधिनियम, समान मजदूरी अधिनियम, घरेलू हिंसा कानून के मामले, संपत्ति की खरीद फरोख्त, आम रास्ते से उपयोग का मामला, सिंचाई पानी से जुड़ा विवाद, कृषि भूमि व फार्म हाउस के मामले, वाटर चैनल, कुंए व टयूबवैल से पानी लेने का अधिकार, व्यापार व उधारी से जुड़े धन वाद, पार्टनरशिप, जुताई साझेदारी विवाद, वन संपदा के उपयोग से जुड़े विवाद सुने जाएंगे।
1 टिप्पणियाँ:
isse न्याय jaldi se jaldi prapt hoga
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