पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, June 1, 2009

राजस्थान बार कौंसिल द्वारा हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने का प्रस्ताव

राजस्थान बार कौंसिल ने राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद पर वरिष्ठतम न्यायाधीश को नियुक्त करने तथा उनकी नियुक्ति कम से कम एक वर्ष रखने का प्रस्ताव 31 मई को कौंसिल की साधारण सभा में पारित किया है। इस बारे में एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही भारत के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर प्रतिवेदन सौंपेगा। इस बारे में राष्ट्रपति को भी प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि कौंसिल को इस बारे में पूर्व में सूचित किया जाए। इस साधारण सभा में बार कौंसिल ऑफ इंडिया के कार्यवाहक अध्यक्ष जयराम बेनीवाल तथा राजस्थान बार के उपाध्यक्ष मनीष सिसोदिया सहित बड़ी संख्या में सदस्यों ने भाग लिया।

सभा में कौंसिल के इस वर्ष होने वाले चुनाव में धरोहर राशि 8 से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने, अधीनस्थ न्यायालयों में पीठासीन अधिकारी के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए मुख्य न्यायाधीश से निवेदन करने का निर्णय भी हुआ। बैठक में इसके अलावा भी कई मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ।

राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष की न्यासी समिति एवं बार कौंसिल ऑफ इंडिया एडवोकेट्स वेलफेयर फंड की बैठक भी 31 मई को हुई। इसमें अधिवक्ताओं के मृत्यु, बीमारी आदि दावों का निस्तारण कर करीब 4 लाख रुपए के भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई। नासिर अली नकवी की अध्यक्षता में संपन्न सभा में बार एसोसिएशन किशनगढ़ (अजमेर) के अधिवक्ताओं द्वारा अधिवक्ता कल्याण कोष के टिकट लगाए बिना वकालतनामे पेश करने को गंभीरता से लेते हुए आगे से ऐसा न करने को कहा गया। किशनगढ़ से आए बार के प्रतिनिधि मोहम्मद हुसैन माजवी ने आश्वासन दिया कि भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा।

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