इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को बीएड परीक्षा देने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि स्नातक में 45 फीसदी अंक वाले छात्र भी बीएड का एग्जाम दे सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्य सरकार ने पचास प्रतिशत से कम अंक पाने वालों को बीएड की प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं करने आदेश दिया था। जिसके बाद यूपी बीएड प्रवेशार्थी संघर्ष समिति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बीएड का एग्जाम 5 मई को होगा। अदालत के इस आदेश से लगभग डेढ लाख छात्रों को राहत मिली है जबकि राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है।
न्यायमूर्ति एस.एन शुक्ला ने यूपी बीएड प्रवेशार्थी संघर्ष समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय को छह सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया। बीएड की प्रवेश परीक्षा में सात लाख छात्र हिस्सा लेंगे जिनमें डेढ लाख छात्रों के अंक पचास प्रतिशत से कम हैं। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कालेजों में बीएड की एक लाख सीट है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्य सरकार ने पचास प्रतिशत से कम अंक पाने वालों को बीएड की प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं करने आदेश दिया था। जिसके बाद यूपी बीएड प्रवेशार्थी संघर्ष समिति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बीएड का एग्जाम 5 मई को होगा। अदालत के इस आदेश से लगभग डेढ लाख छात्रों को राहत मिली है जबकि राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है।
न्यायमूर्ति एस.एन शुक्ला ने यूपी बीएड प्रवेशार्थी संघर्ष समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय को छह सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया। बीएड की प्रवेश परीक्षा में सात लाख छात्र हिस्सा लेंगे जिनमें डेढ लाख छात्रों के अंक पचास प्रतिशत से कम हैं। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कालेजों में बीएड की एक लाख सीट है।
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