पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, July 3, 2010

मुकदमे से संबंधित दस्तावेज अदालती प्रक्रिया के तहत ही दिए जाएं दस्तावेज-केंद्रीय सूचना आयोग

केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि अदालत में चल रहे किसी भी मुकदमे से संबंधित दस्तावेज अदालती प्रक्रिया के दिशा-निर्देश के तहत ही दिए जाने चाहिए।

मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और सूचना आयुक्त एम. एम. अंसारी की पीठ ने एक फैसले में कहा, 'सूचना अधिकार कानून के तहत किसी लंबित मुकदमे से संबंधित सूचना आरोपी को मुहैया कराने की अनुमति देना मुकदमे का पूर्व निर्धारण करना होगा और इससे मुकदमे की प्रगति में बाधा आएगी।' मामला भारतीय कपास निगम की पूर्व कर्मचारी अनिता जे. गुरसहानी और आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपी जगदीश वी. गुरसहानी का है। उनकी अपील बांबे हाई कोर्ट में लंबित है।

सूचना के अधिकार [आरटीआई] के तहत दायर याचिका में दोनों ने निगम के साथ सीबीआई के पत्र व्यवहार के बारे में जानकारी मांगी थी। उनके आवेदन को सीबीआई के मुख्य लोक सूचना अधिकारी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे दोष सिद्धि की प्रक्रिया में बाधा आएगी। आयोग ने कहा कि वे अपराध प्रकिया संहिता [सीआरपीसी] के तहत दस्तावेजों की जानकारी पाने के लिए मुकदमे की सुनवाई कर रही अदालत से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं।

1 टिप्पणियाँ:

Anonymous said...

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