सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को अदालत से जुड़े मामलों को सनसनीखेज तरीके से पेश करने और सुनवाई के दौरान अदालत की टिप्पणियों का संदर्भ से हटकर मतलब निकालने पर जमकर फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति जे एम पांचाल और न्यायमूर्ति ए के पटनायक की खंडपीठ ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि मीडिया को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिए।
हालांकि अदालत ने बाद में इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सिब्बल के कथन को संदर्भ से अलग रखकर पेश किया गया। याचिका के अनुसार सिब्बल ने वर्ष 1995 में अदालती कार्यवाही की आलोचना की थी।
अदालत ने कहा कि सिब्बल का बयान न्यायपालिका में मौजूद खामियों को रेखांकित करता है। न्यायालय के अनुसार सिब्बल ने कुछ सुधारात्मक उपायों के सुझाव दिए थे। न्यायमूर्ति पंचाल ने अपने निर्णय में कहा, ‘‘न्याय प्रणाली की निष्पक्ष और रचनात्मक आलोचना की सराहना होनी चाहिए।’’
सिब्बल के खिलाफ यह याचिका 1995 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई थी और बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। उस वक्त सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे। सिब्बल के बयान को संदर्भ से अलग रखकर पेश करने वाले अखबार ने उस वक्त भी हाईकोर्ट के समक्ष माफी मांग ली थी और फिर इसने सुप्रीम कोर्ट के सामने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली।
हालांकि अदालत ने बाद में इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सिब्बल के कथन को संदर्भ से अलग रखकर पेश किया गया। याचिका के अनुसार सिब्बल ने वर्ष 1995 में अदालती कार्यवाही की आलोचना की थी।
अदालत ने कहा कि सिब्बल का बयान न्यायपालिका में मौजूद खामियों को रेखांकित करता है। न्यायालय के अनुसार सिब्बल ने कुछ सुधारात्मक उपायों के सुझाव दिए थे। न्यायमूर्ति पंचाल ने अपने निर्णय में कहा, ‘‘न्याय प्रणाली की निष्पक्ष और रचनात्मक आलोचना की सराहना होनी चाहिए।’’
सिब्बल के खिलाफ यह याचिका 1995 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई थी और बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। उस वक्त सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे। सिब्बल के बयान को संदर्भ से अलग रखकर पेश करने वाले अखबार ने उस वक्त भी हाईकोर्ट के समक्ष माफी मांग ली थी और फिर इसने सुप्रीम कोर्ट के सामने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली।
1 टिप्पणियाँ:
यदि मीडिया अपनी जिम्मेदारी समझ ले तो शायद इस देश की समस्याओं का अन्त हो जाए। लेकिन ये समस्याएं बनाते हैं, विकृति फैलाते हैं। आपने पोस्ट लिखकर अच्छा संदेश देने का काम किया है।
Post a Comment