सब टीवी पर धारावाहिक "ये चंदा कानून है" में न्यायपालिका के गलत चित्रण और आपत्तिजनक तरीके से प्रदर्शित करने को लेकर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शनिवार को चैनल, आइडिया पिक्चर्स तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया हैं। वकील दीपांशु साहू द्वारा दायर याचिका की शनिवार को यहां सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आर.एस. गर्ग एवं न्यायाधीश पी.के. जायसवाल की संयुक्त खण्डपीठ ने ये नोटिस जारी किए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस धारावाहिक में अदालत का गलत चित्रण किया गया हैं। उच्चा न्यायालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा गया है कि ऎसे धारावाहिको के प्रसारण पर नियंत्रण के लिए उसके पास क्या प्रावधान हैं।
Monday, November 16, 2009
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