राजस्थान हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में किए गए कार्यो की जांच के लिए गठित माथुर आयोग के कामकाज पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एनएन माथुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था जिसे वसुंधरा राजे के कामकाजों की जांच करनी थी।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश भल्ला ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। एक जनहित याचिका में माथुर आयोग की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जांच आयोग पर अंतरिम रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इस साल जनवरी में वसुंधरा के वर्ष 2004 से 2008 तक के कार्यकाल में हुए सभी महत्वपूर्ण निर्णयों को भ्रष्टाचार बताते हुए इनकी जांच के लिए माथुर आयोग का गठन किया था।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश भल्ला ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। एक जनहित याचिका में माथुर आयोग की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जांच आयोग पर अंतरिम रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इस साल जनवरी में वसुंधरा के वर्ष 2004 से 2008 तक के कार्यकाल में हुए सभी महत्वपूर्ण निर्णयों को भ्रष्टाचार बताते हुए इनकी जांच के लिए माथुर आयोग का गठन किया था।
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