लिब्रहान आयोग ने वकीलों और डाक्टरों की तर्ज पर पत्रकारों को भी लाइसेंस देने की सिफारिश करते हुए कहा है कि प्रेस और मीडिया के खिलाफ शिकायतों से निपटने के लिए एक न्यायाधिकरण या नियामक इकाई का गठन किया जाना चाहिए।
कार्रवाई रपट (एटीआर) में लिब्रहान आयोग की रपट के हवाले से कहा गया कि भारतीय चिकित्सा परिषद या बार काउंसिल आफ इंडिया की तर्ज पर मीडिया के लिए भी ऐसी इकाई के गठन की सख्त आवश्यकता है जो पत्रकारों या अखबारों के खिलाफ किसी शिकायत के बारे में फैसला कर सके।
सरकार ने मीडिया के बारे में लिब्रहान आयोग की सिफारिशों से सहमति जताते हुए कहा कि वह सूचना प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय से कहेगी कि इस तरह के न्यायाधिकरण या नियामक इकाई के गठन की व्यवहारिकता और आवश्यकता के बारे में अध्ययन करे। आयोग ने कहा कि स्वतंत्र समाज में मीडिया के महत्व और श्रेष्ठता से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि जबर्दस्त विशेषाधिकार पाये इतिहास के इन रचनाकारों को उन आम आदमियों के प्रति सजग रहना होगा, जिनका उनमें विश्वास है। आयोग ने इस बात पर चिन्ता जाहिर की कि भारतीय प्रेस परिषद को शिकायतों की सुनवाई और दोषी पत्रकारों को दंडित करने का कोई अधिकार नहीं है जो पीत और शरारतपूर्ण पत्रकारिता में लिप्त हैं। लिब्रहान आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि देश में मीडिया की निगरानी के लिए एक वैधानिक इकाई का गठन किया जाना चाहिए।
रपट में कहा गया कि इस बात की सख्त आवश्यकता है कि पत्रकारों को वकीलों और चिकित्सकों जैसे पेशेवरों की तर्ज पर लाइसेंस दिये जाएं और पेशेवर गड़बड़ी पाये जाने पर उनके खिलाफ निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सके।
कार्रवाई रपट (एटीआर) में लिब्रहान आयोग की रपट के हवाले से कहा गया कि भारतीय चिकित्सा परिषद या बार काउंसिल आफ इंडिया की तर्ज पर मीडिया के लिए भी ऐसी इकाई के गठन की सख्त आवश्यकता है जो पत्रकारों या अखबारों के खिलाफ किसी शिकायत के बारे में फैसला कर सके।
सरकार ने मीडिया के बारे में लिब्रहान आयोग की सिफारिशों से सहमति जताते हुए कहा कि वह सूचना प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय से कहेगी कि इस तरह के न्यायाधिकरण या नियामक इकाई के गठन की व्यवहारिकता और आवश्यकता के बारे में अध्ययन करे। आयोग ने कहा कि स्वतंत्र समाज में मीडिया के महत्व और श्रेष्ठता से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि जबर्दस्त विशेषाधिकार पाये इतिहास के इन रचनाकारों को उन आम आदमियों के प्रति सजग रहना होगा, जिनका उनमें विश्वास है। आयोग ने इस बात पर चिन्ता जाहिर की कि भारतीय प्रेस परिषद को शिकायतों की सुनवाई और दोषी पत्रकारों को दंडित करने का कोई अधिकार नहीं है जो पीत और शरारतपूर्ण पत्रकारिता में लिप्त हैं। लिब्रहान आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि देश में मीडिया की निगरानी के लिए एक वैधानिक इकाई का गठन किया जाना चाहिए।
रपट में कहा गया कि इस बात की सख्त आवश्यकता है कि पत्रकारों को वकीलों और चिकित्सकों जैसे पेशेवरों की तर्ज पर लाइसेंस दिये जाएं और पेशेवर गड़बड़ी पाये जाने पर उनके खिलाफ निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सके।
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