कोर्ट द्वारा पंजाब पुलिस के एक मुलाजिम के हक में दिए फैसले को लागू न करना खन्ना पुलिस को तब महंगा पड़ा, जब जज जीएस टिवाणा द्वारा पुलिस जिला खन्ना के एसएसपी ऑफिस की कुर्की के हुक्म जारी कर दिए। इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी।
हवलदार मनजीत सिंह जो कि जालंधर में बतौर हवलदार कार्य कर रहा है, ने बताया कि वह 1992 में पुलिस विभाग में बतौर एसपीओ भर्ती हो कर खन्ना में तैनात हुआ था। 1993 में नौकरी के दौरान वायरलैस पर गलत सूचना देने पर उस समय के एसएसपी आरएस बेदी ने उन्हें नौकरी से बरखास्त कर दिया था। मामले की जांच में निर्दोश पाए जाने के बाद खन्ना में दोबारा नौकरी पर बहाल होने के लिए जिला अदालत में अर्जी दी।
अदालत द्वारा उसके हक में फैसला देने के बाद भी 1994 से 2001 तक उसे नौकरी पर बहाल नहीं किया गया। अदालत के हुक्म के बावजूद नौकरी और तन्खवाह न देने पर मनजीत सिंह ने वकील लखविन्द्र सूद के सहयोग से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की। अदालत ने पंजाब सरकार और पुलिस विभाग को 95 लाख रुपए के करीब हरजाना लगाया। जिस संबंध में पंजाब सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसे सुप्रीम र्कोट ने खारिज कर दिया। अदालत ने 3 फरवरी 2010 को अपने आखिरी फैसले में सरकार को किसी भी हालत में मनजीत सिंह को मुआवजा देने का हुक्म जारी किया। वकील लखविंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के हुक्म के अनुसार हाईकोर्ट को खन्ना पुलिस की जायदाद का ब्योरा दे दिया है। उन्होंने बताया कि अगर 6 मार्च 2010 तक मनजीत सिंह की सात साल की तन्खवाह , 18 फीसदी ब्याज सहित 95 लाख रुपए न दिए तो खन्ना पुलिस हेडक्वार्टर की नीलामी करवा दी जाएगी।
बता दें कि खन्ना एसएसपी हेडक्वार्टर स्थानीय जीटी रोड पर स्थित है। इस समय उसकी असल कीमत करोड़ों में है। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार व विभाग भुगतान का खुद इंतजाम करेंगे या वास्तव में ही दफ्तर को ही बेचना पड़ेगा। एसएसपी खन्ना सुखमिन्द्र सिंह मान ने बताया कि इस सबंध में नीलामी आर्डर नहीं आए हैं, बल्कि अटैचमेंट आर्डर आए हैं।
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