इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन जजों की पूर्ण पीठ ने यह व्यवस्था दी है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध दो जजों के समक्ष स्पेशल अपील दाखिल की जा सकती है। यह फैसला पूर्ण पीठ के समक्ष संदर्भित किया गया था। यह फैसला न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति अरुण टण्डन व न्यायमूर्ति संजय मिश्रा की पूर्ण पीठ ने कुलदीप कुमार त्रिपाठी की स्पेशल अपील पर दिया है।
कहा गया कि अभी तक ग्रीष्मावकाश में एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध दो जजों के समक्ष स्पेशल अपील दायर करने पर मतैक्य नहीं था। एक न्यायिक व्यवस्था के अनुसार ग्रीष्मावकाश में एकल जज के पास दो जज की अधिकारिता रहती है। दूसरी न्यायिक व्यवस्था के अनुसार एकल न्यायाधीश के आदेश के विरुद्ध दो जजों के समक्ष ही स्पेशल अपील दाखिल हो सकती है। मुख्य स्थायी अधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने पूर्णपीठ के समक्ष तर्क दिया कि हाईकोर्ट रूल्स के अनुसार ग्रीष्मावकाश में एकल न्यायाधीश एकल जज की अधिकारिता के तहत ही कार्य करते हैं। ऐसे में उनके हर आदेश को दो जजों के समक्ष स्पेशल अपील में चुनौती दी जा सकती है।
कहा गया कि अभी तक ग्रीष्मावकाश में एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध दो जजों के समक्ष स्पेशल अपील दायर करने पर मतैक्य नहीं था। एक न्यायिक व्यवस्था के अनुसार ग्रीष्मावकाश में एकल जज के पास दो जज की अधिकारिता रहती है। दूसरी न्यायिक व्यवस्था के अनुसार एकल न्यायाधीश के आदेश के विरुद्ध दो जजों के समक्ष ही स्पेशल अपील दाखिल हो सकती है। मुख्य स्थायी अधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने पूर्णपीठ के समक्ष तर्क दिया कि हाईकोर्ट रूल्स के अनुसार ग्रीष्मावकाश में एकल न्यायाधीश एकल जज की अधिकारिता के तहत ही कार्य करते हैं। ऐसे में उनके हर आदेश को दो जजों के समक्ष स्पेशल अपील में चुनौती दी जा सकती है।
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