दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत की प्रार्थना को सोमवार को खारिज कर दिया। अभियोजन पक्ष ने दलीद दी कि प्रत्यक्षदर्शी डरे हुए हैं, जिसके बाद अदालत ने सज्जन कुमार की अपील खारिज कर दी।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीएस तेजी ने इस पूर्व सांसद को कोई राहत देने से इंकार कर दिया, जिन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए नरसंहार में कथित भूमिका को लेकर समन जारी किया गया था। अदालत ने इन मामलों में छह सह आरोपियों की समान अपील को भी खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि अदालत सीबीआई के विशेष अभियोजक वाईएके सक्सेना की दलील को स्वीकार करती है, जिन्होंने चश्मदीद के भयभीत होने के आधार पर जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया है।
सक्सेना ने दिन की शुरुआत में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि चश्मदीद भयभीत हैं। उन्होंने दंगों, हत्या और आगजनी में खासतौर पर सज्जन कुमार की भूमिका के बारे में बयान दिया है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीएस तेजी ने इस पूर्व सांसद को कोई राहत देने से इंकार कर दिया, जिन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए नरसंहार में कथित भूमिका को लेकर समन जारी किया गया था। अदालत ने इन मामलों में छह सह आरोपियों की समान अपील को भी खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि अदालत सीबीआई के विशेष अभियोजक वाईएके सक्सेना की दलील को स्वीकार करती है, जिन्होंने चश्मदीद के भयभीत होने के आधार पर जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया है।
सक्सेना ने दिन की शुरुआत में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि चश्मदीद भयभीत हैं। उन्होंने दंगों, हत्या और आगजनी में खासतौर पर सज्जन कुमार की भूमिका के बारे में बयान दिया है।
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