सिडनी की एक अदालत ने एक अजीबोगरीब फैसला सुनाते हुए एक महिला के साथ बलात्कार के आरोपी को यह कहते हुए आरोपमुक्त कर दिया कि चुस्त जींस पहनने वाली महिला के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध नहीं बनाया जा सकता।
अदालत ने एक 24 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के आरोपी निकोलस एग्वीनो गोंजालेज को मुक्त करते हुए सरकारी पक्ष के वकील से सवाल किया कि क्या शरीर से चिपकी चिपकी जींस पहनी महिला के साथ बलात्कार किया जा सकता है? क्या ऐसा नहीं है कि महिला की जींस तभी उतारी जा सकती है, जब इस तरह की घटना में उसकी मर्जी शामिल हो?
इस मामले की सुनवाई में शामिल छह पुरुषों और छह महिला न्यायाधीशों की खंडपीठ को बताया गया था कि गोंजालेज ने महिला के साथ बलात्कार करने से पहले चुस्त जींस और उसके अंत:वस्त्रों को उतारा था।
समाचार पत्र 'सिडनी मार्निग हेराल्ड' के मुताबिक नौ सेना में खानसामे का काम करने वाले गोंजालेज ने कहा था कि उसने महिला की मर्जी से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था।
खंडपीठ ने पूरी बहस सुनने के बाद कहा, ''हमें संदेह है कि बिना किसी सामंजस्य के किसी महिला के शरीर से उसकी बिल्कुल कसी हुई जींत उतारी जा सकती है।''
साथ ही खंडपीठ ने इस मामले में ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए संबंधित अधिकारियों को एक खत भी लिखा। उस खत में लिखा गया कि यह पता लगाने का प्रयास किया जाए कि 'निकोलस ने वाकई किस तरह से महिला की जींस को उसके शरीर से अलग किया था।'
महिला ने अपने बयान में कहा था कि गोंजालेज ने उसके साथ जबरदस्ती की थी। उससे पहले उसने उसके साथ शराब पी थी। शराब पीने के बाद दोनों अपने-अपने कमरों में चले गए थे लेकिन गोजालेज ने उसके कमरे में आकर अचानक उस पर हमला कर दिया था।
अदालत ने एक 24 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार के आरोपी निकोलस एग्वीनो गोंजालेज को मुक्त करते हुए सरकारी पक्ष के वकील से सवाल किया कि क्या शरीर से चिपकी चिपकी जींस पहनी महिला के साथ बलात्कार किया जा सकता है? क्या ऐसा नहीं है कि महिला की जींस तभी उतारी जा सकती है, जब इस तरह की घटना में उसकी मर्जी शामिल हो?
इस मामले की सुनवाई में शामिल छह पुरुषों और छह महिला न्यायाधीशों की खंडपीठ को बताया गया था कि गोंजालेज ने महिला के साथ बलात्कार करने से पहले चुस्त जींस और उसके अंत:वस्त्रों को उतारा था।
समाचार पत्र 'सिडनी मार्निग हेराल्ड' के मुताबिक नौ सेना में खानसामे का काम करने वाले गोंजालेज ने कहा था कि उसने महिला की मर्जी से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था।
खंडपीठ ने पूरी बहस सुनने के बाद कहा, ''हमें संदेह है कि बिना किसी सामंजस्य के किसी महिला के शरीर से उसकी बिल्कुल कसी हुई जींत उतारी जा सकती है।''
साथ ही खंडपीठ ने इस मामले में ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए संबंधित अधिकारियों को एक खत भी लिखा। उस खत में लिखा गया कि यह पता लगाने का प्रयास किया जाए कि 'निकोलस ने वाकई किस तरह से महिला की जींस को उसके शरीर से अलग किया था।'
महिला ने अपने बयान में कहा था कि गोंजालेज ने उसके साथ जबरदस्ती की थी। उससे पहले उसने उसके साथ शराब पी थी। शराब पीने के बाद दोनों अपने-अपने कमरों में चले गए थे लेकिन गोजालेज ने उसके कमरे में आकर अचानक उस पर हमला कर दिया था।
1 टिप्पणियाँ:
मैंने टाइम पत्रिका में कुछ साल पहले पढ़ा था कि इटली की सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसी तरह का फैसला दिया था। इसके विरोध में संसद में महिलायें अगले या किसी खास दिन केवल जींस पहन कर संसद गयीं।
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