पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, December 14, 2009

पैसेवालों के पैतरों से नाराज हुआ हाईकोर्ट


दिल्ली हाईकोर्ट ने पैसेवालों द्वारा निचली अदालत का दरवाजा खटखटाए बिना सीधे उच्च न्यायालय में चले आने की आदत को दीवानी मामलों के बढ़ते बोझ का प्रमुख कारण बताया है।

न्यायाधीश एस. एन. धींगरा ने आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा दायर किए गए कॉपीराइट उल्लंघन के चार दीवानी मुकदमों पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। जस्टिस धींगरा ने ओरिजनल ज्यूरिस्डिक्शन बेंगलूरु, चंडीगढ़, हैदराबाद और मुंबई में होने के बावजूद महज प्रतिवादियों को परेशान करने के लिए दिल्ली में मुकदमा दायर करने पर माइक्रोसॉफ्ट को आठ लाख रुपए अदालत में जमा करने को कहा। अदालत की जांच में माइक्रोसॉफ्ट के आरोप गलत पाए जाने पर प्रतिवादियों को दो-दो लाख रुपए दे दिए जाएंगे।

जस्टिस धींगरा ने बढ़ते दीवानी मामलों पर चिंता जताते हुए कहा ‘पैसे वाले पक्षकारों को अपनी पसंद की अदालत चुनने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।’

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