राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएमटी परीक्षा-- 09 में फर्जी परीक्षार्थियों के मामले में चल रही पुलिस जांच में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के सहयोग नहीं करने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह कॉलेज प्रशासन को 15 दिन का नोटिस दे। इसके बावजूद भी यदि कॉलेज सहयोग नहीं करे तो उसकी मान्यता निरस्त करदें। न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने यह निर्देश याचिकाकर्ता झाबरमल जाट की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दिया।
मामले की सुनवाई के दौरान अनुसंधान टीम डीएसपी रामसिंह ने कोर्ट को बताया कि मामले में जांच के लिए और समय चाहिए। न्यायाधीश ने पूछा कि ऐसा क्यों, तो उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज प्रशासन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर न्यायाधीश ने कहा किऐसे कॉलेज जो कि शिक्षा में स्तरहीनता को दुरुस्त करने की कार्रवाई में सहयोग नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। न्यायाधीश ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह कॉलेज प्रशासन को 15 दिन का नोटिस जारी कर कार्रवाई में सहयोग नहंी करने का कारण पूछें, यदि वे इसके बाद भी सहयोग नहंी करें तो कॉलेज की मान्यता रद्द करदें।
मामले की सुनवाई के दौरान अनुसंधान टीम डीएसपी रामसिंह ने कोर्ट को बताया कि मामले में जांच के लिए और समय चाहिए। न्यायाधीश ने पूछा कि ऐसा क्यों, तो उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज प्रशासन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर न्यायाधीश ने कहा किऐसे कॉलेज जो कि शिक्षा में स्तरहीनता को दुरुस्त करने की कार्रवाई में सहयोग नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। न्यायाधीश ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह कॉलेज प्रशासन को 15 दिन का नोटिस जारी कर कार्रवाई में सहयोग नहंी करने का कारण पूछें, यदि वे इसके बाद भी सहयोग नहंी करें तो कॉलेज की मान्यता रद्द करदें।
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