केंद्र सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना को पूरा करने के सिलसिले में रामसेतु को हटाने के स्थान पर वैकल्पिक मार्ग ढूढ़ने के लिए उच्चतम न्यायालय से 18 महीने का समय मांगा है।
न्यायालय में दर्ज नए हलफनामा में केंद्र सरकार ने कहा कि रामसेतु को नष्ट होने से बचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाया जाए या नहीं, इस पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले इसका पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के वास्ते और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए और समय चाहिए। न्यायालय इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सेतुसमुद्रम के लिए कुछ अन्य मार्गों को अपनाने की संभावना पर विचार करने के लिए पहले ही पर्यावरणविद् डॉ. आरके पचौरी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर दी है।
दरअसल दुनियाभर के हिंदुओं की मान्यता है कि 35 किलोमीटर इस रामसेतु का निर्माण भगवान राम ने राक्षसराज रावण के कब्जे से पत्नी सीता को छुड़ाने के वास्ते श्रीलंका पहुंचने के लिए किया था। इस पुल को एडम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करके इस आधार पर सेतुसमुद्रम परियोजना को रद्द करने की मांग की है कि इस संबंध में कोई भी वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया और तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम के कुछ मंत्रियों का इसमें वाणिज्यिक स्वार्थ निहित है।
उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और वह प्रधानमंत्री द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। उसने पहले ही सरकार को चल रही इस परियोजना के दौरान रामसेतु को नुकसान के खिलाफ चेताया है।
न्यायालय में दर्ज नए हलफनामा में केंद्र सरकार ने कहा कि रामसेतु को नष्ट होने से बचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाया जाए या नहीं, इस पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले इसका पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के वास्ते और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए और समय चाहिए। न्यायालय इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सेतुसमुद्रम के लिए कुछ अन्य मार्गों को अपनाने की संभावना पर विचार करने के लिए पहले ही पर्यावरणविद् डॉ. आरके पचौरी की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर दी है।
दरअसल दुनियाभर के हिंदुओं की मान्यता है कि 35 किलोमीटर इस रामसेतु का निर्माण भगवान राम ने राक्षसराज रावण के कब्जे से पत्नी सीता को छुड़ाने के वास्ते श्रीलंका पहुंचने के लिए किया था। इस पुल को एडम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करके इस आधार पर सेतुसमुद्रम परियोजना को रद्द करने की मांग की है कि इस संबंध में कोई भी वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया और तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम के कुछ मंत्रियों का इसमें वाणिज्यिक स्वार्थ निहित है।
उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और वह प्रधानमंत्री द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। उसने पहले ही सरकार को चल रही इस परियोजना के दौरान रामसेतु को नुकसान के खिलाफ चेताया है।
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