पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी को माफ़ी देने वाले अध्यादेश को रद्द कर दिया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस इफ़्तिख़ार मोहम्मद चौधरी की अगुवाई वाली 17 जजों की बेंच ने माफ़ी वाले अध्यादेश को अवैध और असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले का असर ज़रदारी समेत आठ हज़ार से ज़्यादा नेताओं और अफ़सरों पर पड़ेगा. इस आदेश के बाद कई वरिष्ठ नेताओं के ख़िलाफ़ मुकदमे पहले की तरह चलने लगेंगे. इससे पहले अक्टूबर 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने एनआरओ नामके इस अध्यादेश के ज़रिए कई नेताओं को राहत दी थी. अध्यादेश के चलते ज़रदारी समेत अन्य लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमें बिना सुनवाई के बंद हो गए थे. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मुक़दमे 2007 वाली स्थिति से ही बहाल होंगे. हालांकि आसिफ़ अली ज़रदारी पर इस फ़ैसले का तब तक कोई असर नहीं पड़ेगा, जब तक वह राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं.
Friday, December 18, 2009
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