राज्य उपभोक्ता आयोग,जयपुर ने बीमा अवधि के दौरान बीमित के सिर पर कुल्हाड़ी मारने से सेप्टिसीमिया होने के कारण हुई मौत को दुर्घटना माना है। आयोग ने कहा कि इस स्थिति में मृत्यु को दुर्घटना माना जाएगा न कि प्राकृतिक। आयोग ने पाली निवासी वर्षा बेन की अपील पर एलआईसी को निर्देश दिए कि दुर्घटना बीमा राशि 3 लाख रुपए 9 प्रतिशत ब्याज सहित दे।
आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश सुनील गर्ग, सदस्य विमला सेठिया ने आदेश में कहा कि बीमित की मृत्यु घटना के 180 दिन से ज्यादा अवधि के बाद हुई। आयोग ने ये आदेश जिला उपभोक्ता मंच पाली के 26 मई, 05 के उस आदेश को निरस्त करके दिया, जिसमें परिवाद को यह कहकर खारिज किया था कि उनके पति की मृत्यु दुर्घटना से नहीं हुई थी।
सुरेश बी.पटेल ने 28 मार्च,99 को 3 लाख की दुर्घटना पॉलिसी ली थी। 12 जनवरी,01 को किसी ने सिर में कुल्हाड़ी मारी, जिससे वह अचेत हो गया और उसे सेप्टिसीमिया हो गया। बीमा कंपनी ने प्राकृतिक मौत बता क्लेम खारिज कर दिया था।
आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश सुनील गर्ग, सदस्य विमला सेठिया ने आदेश में कहा कि बीमित की मृत्यु घटना के 180 दिन से ज्यादा अवधि के बाद हुई। आयोग ने ये आदेश जिला उपभोक्ता मंच पाली के 26 मई, 05 के उस आदेश को निरस्त करके दिया, जिसमें परिवाद को यह कहकर खारिज किया था कि उनके पति की मृत्यु दुर्घटना से नहीं हुई थी।
सुरेश बी.पटेल ने 28 मार्च,99 को 3 लाख की दुर्घटना पॉलिसी ली थी। 12 जनवरी,01 को किसी ने सिर में कुल्हाड़ी मारी, जिससे वह अचेत हो गया और उसे सेप्टिसीमिया हो गया। बीमा कंपनी ने प्राकृतिक मौत बता क्लेम खारिज कर दिया था।
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