कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीडी दिनकरन के खिलाफ महाभियोग चलाने की कवायद को कांग्रेस के दो सांसदों ने राज्यसभा में नया मोड़ देने की कोशिश की। कांग्रेस के प्रवीण राष्ट्रपाल और जेडी सलीम ने शुक्रवार को शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि दिनकरन को दलित होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है।
पीठासीन अधिकारी पीजे कुरियन ने इस मामले को उठाने की अनुमति नहीं दी, लेकिन सदस्य आरोप लगाने से बाज नहीं आए। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा के सभापति ने 75 सदस्यों के हस्ताक्षर से युक्त महाभियोग याचिका को विचारार्थ स्वीकार किया है। याचिका पर भाजपा, सपा और वामदलों के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन कांग्रेस ने इस मसले पर अपना कोई रुख तय नहीं किया है।
कॉलेजियम के प्रमुख देश के चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन ने शुक्रवार को बताया कि जस्टिस दिनकरन पर जमीन पर कब्जा करने के आरोपों को लेकर राज्यसभा में शुरू की गई महाभियोग की कार्यवाही को देखते हुए कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को निलंबित रखने का फैसला किया है। समझा जाता है कि कॉलेजियम ने गुरुवार शाम को हुई अपनी बैठक में यह फैसला किया।
कॉलेजियम के प्रमुख देश के चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन ने शुक्रवार को बताया कि जस्टिस दिनकरन पर जमीन पर कब्जा करने के आरोपों को लेकर राज्यसभा में शुरू की गई महाभियोग की कार्यवाही को देखते हुए कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को निलंबित रखने का फैसला किया है। समझा जाता है कि कॉलेजियम ने गुरुवार शाम को हुई अपनी बैठक में यह फैसला किया।
1 टिप्पणियाँ:
ऐसा ही होता है. किसी को अल्पसंख्यक होने के कारण किसी को दलित होने के कारण किसी को पिछड़े होने के कारण तो किसी को बहुसंख्यक होने के कारण फंसाया जाता है.
Post a Comment