राजस्थान हाई कोर्ट ने जयपुर शहर में नगर निगम क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने से रोक हटा दी है। न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने यह आदेश शुक्रवार को विमला शर्मा की याचिका की सुनवाई के दौरान टाटा टेलीकॉम सर्विसेज के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिया। हालांकि याचिका में विवादित जगह पर मोबाइल टावर लगाने पर यथास्थिति जारी रहेगी। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि मोबाइल टावर तय मापदंडों के अनुसार ही लगाए जाते हैं। इसलिए शहर में मोबाइल टावर लगाए जाने की अनुमति दी जाए।
न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर शहर में मोबाइल टावर लगाए जाने पर लगी रोक को हटा दिया। गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने 7 दिसंबर 09 को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि शहर में कहीं पर भी मोबाइल टावर लगाए जाने की अनुमति देने के लिए अदालत से इजाजत लेनी होगी। यह आदेश अदालत ने विमला देवी की याचिका पर दिया था।
याचिका में दुर्गापुरा के श्रीजी नगर मोबाइल टावर लगाए जाने के विरोध करते हुए कहा था कि रिहायशी क्षेत्र में मोबाइल टावर से कैंसर के मरीज व विकलांग प्रभावित होते हैं और यह मानव मस्तिष्क पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। बाहर के देंशों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन व पाकिस्तान में मोबाइल टावर के लिए नियम बने हुए हैं, लेकिन यहां पर कोई नियम नहीं हैं। याचिका में गुहार की गई कि मोबाइल टावर लगाने के लिए नियम बनाए जाएं और कॉलोनी में मोबाइल टावर की प्रक्रिया का रोका जाए।
न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर शहर में मोबाइल टावर लगाए जाने पर लगी रोक को हटा दिया। गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने 7 दिसंबर 09 को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि शहर में कहीं पर भी मोबाइल टावर लगाए जाने की अनुमति देने के लिए अदालत से इजाजत लेनी होगी। यह आदेश अदालत ने विमला देवी की याचिका पर दिया था।
याचिका में दुर्गापुरा के श्रीजी नगर मोबाइल टावर लगाए जाने के विरोध करते हुए कहा था कि रिहायशी क्षेत्र में मोबाइल टावर से कैंसर के मरीज व विकलांग प्रभावित होते हैं और यह मानव मस्तिष्क पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। बाहर के देंशों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन व पाकिस्तान में मोबाइल टावर के लिए नियम बने हुए हैं, लेकिन यहां पर कोई नियम नहीं हैं। याचिका में गुहार की गई कि मोबाइल टावर लगाने के लिए नियम बनाए जाएं और कॉलोनी में मोबाइल टावर की प्रक्रिया का रोका जाए।
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