दक्षिण भारतीय फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री खुशबू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने खुशबू के खिलाफ इस बयान को लेकर दर्ज सभी 22 शिकायतें खारिज करने के निर्देश दिए हैं.
शादी से पहले सेक्स को जायज ठहराने का बयान देने पर खुशबू के खिलाफ ये शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिनके खिलाफ खुशबू ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई निचली अदालत में करने के निर्देश दिए तो खुशबू ने 2008 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज करने के निर्देश दिए हैं.
प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा तथा न्यायमूर्ति बी एस चौहान ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अभिनेत्री द्वारा दायर अपील को अनुमति दे दी जिसने इन मामलों को खारिज करने संबंधी याचिका खारिज कर दी थी.
तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर यह मामले तब दायर किये गये थे जब 2005 में अभिनेत्री के विवाह पूर्व सेक्स संबंधों पर आधारित साक्षात्कार एक मैगजीन में प्रकाशित हुए थे.
खुशबू ने इंटरव्यू में कहा था कि अगर लड़कियां एहतियात बरतें तो शादी से पहले सेक्स में कोई बुराई नहीं है. बाद में इसी को जायज ठहराते हुए खुशबू ने यहां तक कह दिया था कि किसी भी पढ़े लिखे आदमी को ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उसकी पार्टनर के पहले किसी से जिस्मानी रिश्ते ना बने हों.
शादी से पहले सेक्स को जायज ठहराने का बयान देने पर खुशबू के खिलाफ ये शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिनके खिलाफ खुशबू ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई निचली अदालत में करने के निर्देश दिए तो खुशबू ने 2008 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज करने के निर्देश दिए हैं.
प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा तथा न्यायमूर्ति बी एस चौहान ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अभिनेत्री द्वारा दायर अपील को अनुमति दे दी जिसने इन मामलों को खारिज करने संबंधी याचिका खारिज कर दी थी.
तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर यह मामले तब दायर किये गये थे जब 2005 में अभिनेत्री के विवाह पूर्व सेक्स संबंधों पर आधारित साक्षात्कार एक मैगजीन में प्रकाशित हुए थे.
खुशबू ने इंटरव्यू में कहा था कि अगर लड़कियां एहतियात बरतें तो शादी से पहले सेक्स में कोई बुराई नहीं है. बाद में इसी को जायज ठहराते हुए खुशबू ने यहां तक कह दिया था कि किसी भी पढ़े लिखे आदमी को ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उसकी पार्टनर के पहले किसी से जिस्मानी रिश्ते ना बने हों.
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