पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, September 10, 2009

देश में स्थापित होंगे वाणिज्यिक न्यायालय।

सरकार बड़ी पूंजी वाले व्यावसायिक लेन-देन से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए जल्द ही वाणिज्यिक न्यायालयों की स्थापना करने जा रही है ताकि ढांचागत क्षेत्र में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रास्ते की अड़चनें दूर की जा सके।
विधि एवं न्याय मंत्री वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि इस सम्बन्ध में एक विस्तृत विधेयक तैयारी के अंतिम चरण में है। बिजली, सड़क, बंदरगाह और संचार क्षेत्र की परियोजनाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में कई बार विवाद खड़े हो जाते हैं जिनका निपटारा सालों साल नहीं हो पाता। ऎसे मामले जिनमें बड़ी धनराशि शामिल होती है, उनके निपटारे के लिए अलग से विशेष वाणिज्यिक न्यायालय स्थापित कर मामलों को जल्द निपटाया जाएगा।एसोचैम द्वारा द्विअंकीय आर्थिक वृद्धि के लिए विधाई एवं प्रशासनिक सुधारों पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मोइली ने कहा कि संसद के आगामी सत्र में इस विधेयक को पारित करा लिया जाएगा। प्रस्तावित वाणिज्यिक न्यायालयों को उच्च न्यायालय का दर्जा प्राप्त होगा।

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