पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, September 26, 2009

दुष्कर्म का दोषी दो साल तक करेगा अस्पताल में सफाई।


नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के एक मामले में सीजेएम संदीप सिंह की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी किशोर को दोषी करार देते हुए उसे दो साल तक सिविल अस्पताल में सफाई करने की सजा सुनाई है। सफीदों के आदर्श नगर कालोनी की सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने 9 अगस्त 2005 को पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी।

पीड़िता ने शिकायत में बताया था कि वह देर शाम को पास में रह रहे उसके मामा सुरेश के घर सोने के लिए जा रही थी। इस दौरान आरोपी अजीत उनके गेट पर खड़ा था, उसने उसका हाथ पकड़ लिया और मुंह बंद कर अपने घर में ले गया। कमरे में जाते ही अजीत ने कमरे की कुंडी लगा ली और तेज आवाज में डैक को चला दिया। इसके बाद आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए आरोपी किशोर के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर कार्रवाई की। बाद में आरोपी को जेल भेज दिया गया। करीब चार साल तक अदालत में चले रहे मामले की सुनवाई करते हुए सीजेएम संदीप सिंह की अदालत ने शुक्रवार को किशोर अजीत को दोषी करार देते हुए उसे दो साल तक सफीदों के सिविल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में प्रतिदिन दो घंटे तक सफाई करने की सजा सुनाई है। दोषी किशोर सफाई का कार्य सिविल अस्पताल के सीएमओ के निरीक्षण में किया करेगा।

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