पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, August 26, 2009

बालाकृष्णन अपनी संपत्ति सार्वजनिक करें।

न्यायाधीशों की संपत्ति सार्वजनिक करने को लेकर जारी बहस पर अप्रसन्नता जताते हुए उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस वर्मा ने कहा है कि वर्तमान मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन को पहले अपनी संपत्ति सार्वजनिक कर इस विवाद को खत्म करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अधिकतर न्यायाधीश संपत्ति सार्वजनिक करने के लिए राजी हैं।

न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों ने उनके साथ व्यक्तिगत बातचीत में स्वीकार किया है कि वे ऐसा करने को तैयार हैं। न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि बस मैं चाहता हूँ कि मुख्य न्यायाधीश अपनी संपत्ति सार्वजनिक कर इस विवाद का पटाक्षेप करें। न्यायमूर्ति वर्मा ने भरोसा जताया कि जो न्यायाधीश अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने को राजी हैं, वे मुख्य न्यायाधीश द्वारा अपनी संपत्ति सार्वजनिक किए जाने के बाद तुरंत ही ऐसा करेंगे और न्यायपालिका के खिलाफ अरुचिकर बहस का अंत हो जाएगा। प्रधान न्यायाधीश द्वारा इस मामले पर आम सहमति की आवश्यकता बताए जाने पर न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि यह पहले से ही है।

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