पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, August 28, 2009

जयपुर बम घमाका के आरोपियों ने ब्रेन मैपिंग व नारको टेस्ट करवाने से मना किया।

जयपुर शहर के सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) ने जयपुर बम घमाका कांड के तीन आरोपियों के ब्रेन मैपिंग नारको टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया है। साथ ही एटीएस के उस प्रार्थन पत्र को खारिज कर दिया जिसमें बम कांड के तीन आरोपियों मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी सैफुर्रहमान के नारको अन्य टेस्ट करवाने की गुहार की थी।
प्रार्थन पत्र एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अघीक्षक सत्येन्द्र सिंह राणावत ने दायर किया था। इसमें कहा कि आरोपी अनुसंघान कार्य में सहयोग नहीं कर रहे हैं। पूछताछ के बाद भी बम कांड से जुडे कुछ प्रश्न अनुत्तरित हैं, इसलिए अभियोजन की कहानी की कडी को जोडने पूरी करने के लिए इनके ब्रेन मैपिंग नारकों टेस्ट करवाए जाने की अनुमति दी जाए।
सीजेएम महावीर स्वामी ने प्रार्थन पत्र पर सुनवाई करते हुए कहा कि केस डायरी के अवलोक से स्पष्ट कि इसी कोर्ट ने पूर्व में भी 30 अप्रैल 09 को सैफुर्रहमान के नारकों टेस्ट करवाए जाने से इनकार कर दिया था।
उस समय भी एटीएस ने कहा था कि जयपुर बम कांड से जुडे आंतककारियों के नेटवर्क का पता लगाने के लिए सैफुर्रहमान के नारको टेस्ट की अनुमति दी जाए। नारको ब्रेन मैपिंग टेस्ट आरोपी को एनेस्थीसिया के जरिए कॉन्शियस कर किया जाता है इस स्थिति में उनके बयान न्यायालय में पठनीय नही हैं। चूंकि प्रकरण में अप्रैल 09 से अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है, इसलिए प्रार्थन पत्र खारिज किए जाने योग्य है।

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