दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया है कि भारतीय अदालतें भारत में पैदा हुए विदेशी नागरिकों के पारिवारिक विवादों के बारे में कोई निर्णय नहीं दे सकतीं।
न्यायमूर्ति एस.एन.धींगरा ने एक निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें एक भारतीय मूल की अमेरिकी पत्नी को इस बात की अनुमति दी गई थी कि जब भी वह अपने परिजनों से मिलने भारत आए, वह अपने बच्चों को अपने कब्जे में ले सकती है।
धींगरा ने कहा कि निचली अदालत ने अपने न्याय क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।
उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि जिला न्यायाधीश ने बच्चों को हासिल करने के लिए मां की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर और बच्चों का अभिभावक नियुक्त कर अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।"
न्यायमूर्ति एस.एन.धींगरा ने एक निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें एक भारतीय मूल की अमेरिकी पत्नी को इस बात की अनुमति दी गई थी कि जब भी वह अपने परिजनों से मिलने भारत आए, वह अपने बच्चों को अपने कब्जे में ले सकती है।
धींगरा ने कहा कि निचली अदालत ने अपने न्याय क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।
उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि जिला न्यायाधीश ने बच्चों को हासिल करने के लिए मां की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर और बच्चों का अभिभावक नियुक्त कर अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।"
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