दुबई में तीन भारतीयों को फोन पर सेक्स मैसेज भेजने के लिए तीन महीने की जेल की सजा दी गई। प्राप्त खबरों के अनुसार इनमें से दो अमीरात एयरलॉइन के कर्मचारी हैं। दुबई के अखबार दे नेशनल के अनुसार इनमें से एक 47 वर्षीय केबिन क्रू सर्विस सुपरवॉइजर हैं और दूसरी 42 वर्षीय फ्लाइट एटेंडेंट है। हालांकि अभी तक इनकी पहचान की पुष्टि नही हो की गई है। कोर्ट में 16 मार्च को जारी किए गए दस्तावेजों के अनुसार इन दोनों को तीन माह की सजा सुनाई गई।
इससे पहले दिसंबर में कोर्ट ने इन दोनों को 6 माह की सजा और देश छोड़ने के लिए कहा था। अब इनकी सजा को कम करके तीन माह कर दिया गया है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस बात का कोई ठोस सुबूत नही है कि दोनें के बीच सेक्स संबंध हो।
कोर्ट में यह साबित हो गया था कि दोनें नें एक दूसरे को सेक्स मैसेज भेजे। दुबई में शादी से बाहर सेक्स संबंध रखना अपराध है इसलिए उनके मैसेज भेजने को अपराध करने के प्रति प्रतिबद्धता माना गया और उन्हें इसके लिए सजा सुनाई गई। कोर्ट ने कहा कि टेक्सट मैसेज पढ़कर यह आभास होता है कि दोनों अपराध कर सकते थे।
यह मामला कोर्ट में उस वक्त आया था जब फ्लाइट अटेंडेंट के पति ने पिछले साल मार्च में उसपर सुपरवाईजर के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाते हुए मामला दायर किया था। फ्लाइट एटेंडेंट का अपने पति से 2007 से तलाक को लेकर विवाद चल रहा है।
बाद में महिला के पति ने कोर्ट में कहा था कि उसके सेक्स मैसेज साबित करते हैं कि उसके अवैध संबंध थे। उसके पति का यह भी मत था कि महिला को मिले सेक्स मैसेज इसलाम की तौहीन हैं।
2008 में टेलीकॉम कंपनी ने कोर्ट में महीला के मैसेज उपलब्ध करा दिए थे। बाद में महिला ने कहा कि फ्लाइट सुपरवाइजर ने उसकी बहन को यह मैसेज किए थे। बाद में फ्लाइट सुपरवाइजर ने महिला से किसी भी प्रकार के संबंधों से इंकार करते हुए कहा कि उसका तो पिछले चार साल से उसकी बहन से अफेयर है।
अभियोजन पक्ष के वकीलों की दलील थी की सुपरवाइजर झूठ बोल रहा है और कोर्ट ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया। महिला की 25 वर्षीय बहन को भी तीन माह कि सजा सुनाई गई है। इससे पहले निचली अदालत ने महिला की बहन को भी तीन माह की सजा और देश छोड़ने का आदेश दिया था। कोर्ट ने महिला की बहन को दिए गए देश छोड़ने के आदेश को भी रद्द कर दिया हैं।
इससे पहले दिसंबर में कोर्ट ने इन दोनों को 6 माह की सजा और देश छोड़ने के लिए कहा था। अब इनकी सजा को कम करके तीन माह कर दिया गया है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि इस बात का कोई ठोस सुबूत नही है कि दोनें के बीच सेक्स संबंध हो।
कोर्ट में यह साबित हो गया था कि दोनें नें एक दूसरे को सेक्स मैसेज भेजे। दुबई में शादी से बाहर सेक्स संबंध रखना अपराध है इसलिए उनके मैसेज भेजने को अपराध करने के प्रति प्रतिबद्धता माना गया और उन्हें इसके लिए सजा सुनाई गई। कोर्ट ने कहा कि टेक्सट मैसेज पढ़कर यह आभास होता है कि दोनों अपराध कर सकते थे।
यह मामला कोर्ट में उस वक्त आया था जब फ्लाइट अटेंडेंट के पति ने पिछले साल मार्च में उसपर सुपरवाईजर के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाते हुए मामला दायर किया था। फ्लाइट एटेंडेंट का अपने पति से 2007 से तलाक को लेकर विवाद चल रहा है।
बाद में महिला के पति ने कोर्ट में कहा था कि उसके सेक्स मैसेज साबित करते हैं कि उसके अवैध संबंध थे। उसके पति का यह भी मत था कि महिला को मिले सेक्स मैसेज इसलाम की तौहीन हैं।
2008 में टेलीकॉम कंपनी ने कोर्ट में महीला के मैसेज उपलब्ध करा दिए थे। बाद में महिला ने कहा कि फ्लाइट सुपरवाइजर ने उसकी बहन को यह मैसेज किए थे। बाद में फ्लाइट सुपरवाइजर ने महिला से किसी भी प्रकार के संबंधों से इंकार करते हुए कहा कि उसका तो पिछले चार साल से उसकी बहन से अफेयर है।
अभियोजन पक्ष के वकीलों की दलील थी की सुपरवाइजर झूठ बोल रहा है और कोर्ट ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया। महिला की 25 वर्षीय बहन को भी तीन माह कि सजा सुनाई गई है। इससे पहले निचली अदालत ने महिला की बहन को भी तीन माह की सजा और देश छोड़ने का आदेश दिया था। कोर्ट ने महिला की बहन को दिए गए देश छोड़ने के आदेश को भी रद्द कर दिया हैं।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment