भारतीय सेना में पहली बार किसी महिला अधिकारी को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई गई है। आर्मी कोर्ट ने मेजर डिंपल सिंगल को भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और प्रोफेशनल मिसकंडक्ट का दोषी ठहराया है। इसके साथ ही उन्हें सेना से भी बर्खास्त कर दिया गया है।
चार साल तक चले जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम)के बाद बुधवार देर रात मेजर डिंपल सिंगला को दोषी पाया गया। कोर्ट मार्शल की सुनवाई कर्नल संजीव जोस ने की।
मेजर डिंपल सिंगला आर्मी के जज एडवोकेट जनरल (जैग) में 1997 में कमीशन अधिकारी बनी थीं। उनके खिलाफ 2007 में ही सुनवाई शुरू हो गई थी लेकिन अलग-अलग कारणों से यह टलती रही। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक वकील से 10 हजार की रिश्वत ली, जो कोर्ट मार्शल का सामना कर रहे एक सैन्य अधिकारी की पैरवी कर रहा था। मेजर सिंगल को कोर्ट मार्शल में कई आरोपियों को फायदा पहुंचाने और जांच के दौरान फैसले को प्रभावित करने का भी दोषी पाया गया।
आरोप लगने के बाद वेस्टर्न कमांड के चंडीमंदिर स्थित हेडक्वॉर्टर ने मेजर डिंपल सिंगला के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश दिए थे। समरी ऑफ एविडेंस के बाद साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट मार्शल शुरू हुआ। इस बीच सिंगला पर जीएसएम ट्रायल में शामिल न होने का भी आरोप लगा। पिछले साल 28 दिसंबर को मेजर सिंगला के हॉस्पिटल में एडमिट हो जाने की वजह से जीएसएम की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। लेकिन उसके अगले ही दिन वह हॉस्पिटल से बिना डिस्चार्ज हुए ही गायब हो गईं और उन्होंने इसकी सूचना भी किसी को नहीं दी। इसके बाद मेजर सिंगला खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी हो गया और सेना के अधिकारियों ने उनके घर पर छापे भी मारे लेकिन वह हाथ नहीं आईं।
इस बीच डिंपल सिंगला ने इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल की चंडीगढ़ बेच के सामने अपील दायर कर दी कि वह जीसीएम की कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। हालांकि ट्राइब्यूनल ने उनकी अपील को खारिज कर दिया और एक फरवरी से पहले जीसीएम में पेश होने का निर्देश दिया।
चार साल तक चले जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम)के बाद बुधवार देर रात मेजर डिंपल सिंगला को दोषी पाया गया। कोर्ट मार्शल की सुनवाई कर्नल संजीव जोस ने की।
मेजर डिंपल सिंगला आर्मी के जज एडवोकेट जनरल (जैग) में 1997 में कमीशन अधिकारी बनी थीं। उनके खिलाफ 2007 में ही सुनवाई शुरू हो गई थी लेकिन अलग-अलग कारणों से यह टलती रही। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक वकील से 10 हजार की रिश्वत ली, जो कोर्ट मार्शल का सामना कर रहे एक सैन्य अधिकारी की पैरवी कर रहा था। मेजर सिंगल को कोर्ट मार्शल में कई आरोपियों को फायदा पहुंचाने और जांच के दौरान फैसले को प्रभावित करने का भी दोषी पाया गया।
आरोप लगने के बाद वेस्टर्न कमांड के चंडीमंदिर स्थित हेडक्वॉर्टर ने मेजर डिंपल सिंगला के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश दिए थे। समरी ऑफ एविडेंस के बाद साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट मार्शल शुरू हुआ। इस बीच सिंगला पर जीएसएम ट्रायल में शामिल न होने का भी आरोप लगा। पिछले साल 28 दिसंबर को मेजर सिंगला के हॉस्पिटल में एडमिट हो जाने की वजह से जीएसएम की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। लेकिन उसके अगले ही दिन वह हॉस्पिटल से बिना डिस्चार्ज हुए ही गायब हो गईं और उन्होंने इसकी सूचना भी किसी को नहीं दी। इसके बाद मेजर सिंगला खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी हो गया और सेना के अधिकारियों ने उनके घर पर छापे भी मारे लेकिन वह हाथ नहीं आईं।
इस बीच डिंपल सिंगला ने इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल की चंडीगढ़ बेच के सामने अपील दायर कर दी कि वह जीसीएम की कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें गिरफ्तार न किया जाए। हालांकि ट्राइब्यूनल ने उनकी अपील को खारिज कर दिया और एक फरवरी से पहले जीसीएम में पेश होने का निर्देश दिया।
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