पंजाब में अब शपथपत्र(एफिडेविट) केवल कानूनी केसों में ही लगाने होंगे। पानी, बिजली का कनेक्शन लेने, आवासीय, कंडी क्षेत्र का वासी होने, अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति का लाभ लेने के लिए एफिडेविट की जरूरत नहीं रहेगी। अपनी फोटो लगाकर खुद ही अटेस्ट करके काम चलाया जा सकेगा। न पटवारी,न नोटरी और न ही मजिस्ट्रेट से तस्दीक करवाने के लिए दलालों को पैसे देने की जरूरत होगी।
पंजाब रिफॉर्म्स आयोग की रिपोर्ट की इस सिफारिश को एक अप्रैल से लागू करने के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्य सचिव एससी अग्रवाल की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि एफिडेविट को बनवाने, प्रमाणित करवाने आदि को लेकर लोगों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं । यह अधिसूचना सभी विभाग प्रमुखों, डिप्टी कमिश्नरों को भेजकर कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए एक अप्रैल 2010 से लागू करने से पहले सभी तरह की तैयारियां कर ली जाएं।
अधिसूचना के अनुसार अब भर्ती या दाखिले के लिए दिए जाने वाले प्रमाण पत्र भी किसी राजपत्रित अधिकारी से तस्दीक करवाने की जरूरत नहीं है। अब तक सभी शैक्षणिक संस्थाएं दाखिले के लिए और सरकारी नौकरियों के लिए आवेदकों से अपनी योग्यता साबित करने के लिए प्रमाणपत्रों की तस्दीकशुदा कापियां लेते हैं जिसे मजिस्ट्रेट से तस्दीक करवाने की जरूरत पड़ती है। जबकि सरकार ने अब प्रावधान किया है कि 1 अप्रैल से सभी शिक्षा संस्थान दाखिले और रोजगार देने के लिए स्वयं तस्दीक वाले प्रमाण पत्र ही लें। चुने जाने पर ही विद्यार्थियों से उनके मूल प्रमाण पत्र मंगवाएं। मुख्य सचिव ने सभी उच्च शिक्षा,मेडिकल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के विभाग प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि नए शैक्षणिक सत्र मंे इस बात की जानकारी संस्थान अपने प्रॉस्पेक्ट में दे दें ताकि विद्यार्थियों को परेशानी न हो।
काबिलेगौर है कि उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने डिलिवरी सिस्टम को सुधारने के लिए डॉ प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में आठ जनवरी 2009 को गवर्नेस रिफार्म्स कमीशन का गठन किया था। कमीशन ने दो हिस्सों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट को लागू करने के लिए मुख्य सचिव एससी अग्रवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है।
पंजाब रिफॉर्म्स आयोग की रिपोर्ट की इस सिफारिश को एक अप्रैल से लागू करने के लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्य सचिव एससी अग्रवाल की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि एफिडेविट को बनवाने, प्रमाणित करवाने आदि को लेकर लोगों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं । यह अधिसूचना सभी विभाग प्रमुखों, डिप्टी कमिश्नरों को भेजकर कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए एक अप्रैल 2010 से लागू करने से पहले सभी तरह की तैयारियां कर ली जाएं।
अधिसूचना के अनुसार अब भर्ती या दाखिले के लिए दिए जाने वाले प्रमाण पत्र भी किसी राजपत्रित अधिकारी से तस्दीक करवाने की जरूरत नहीं है। अब तक सभी शैक्षणिक संस्थाएं दाखिले के लिए और सरकारी नौकरियों के लिए आवेदकों से अपनी योग्यता साबित करने के लिए प्रमाणपत्रों की तस्दीकशुदा कापियां लेते हैं जिसे मजिस्ट्रेट से तस्दीक करवाने की जरूरत पड़ती है। जबकि सरकार ने अब प्रावधान किया है कि 1 अप्रैल से सभी शिक्षा संस्थान दाखिले और रोजगार देने के लिए स्वयं तस्दीक वाले प्रमाण पत्र ही लें। चुने जाने पर ही विद्यार्थियों से उनके मूल प्रमाण पत्र मंगवाएं। मुख्य सचिव ने सभी उच्च शिक्षा,मेडिकल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के विभाग प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि नए शैक्षणिक सत्र मंे इस बात की जानकारी संस्थान अपने प्रॉस्पेक्ट में दे दें ताकि विद्यार्थियों को परेशानी न हो।
काबिलेगौर है कि उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने डिलिवरी सिस्टम को सुधारने के लिए डॉ प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में आठ जनवरी 2009 को गवर्नेस रिफार्म्स कमीशन का गठन किया था। कमीशन ने दो हिस्सों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट को लागू करने के लिए मुख्य सचिव एससी अग्रवाल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है।
1 टिप्पणियाँ:
uchit yahi hai.nice
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