सरकार ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या 55 हजार 791 है। विधि एवं न्यायमंत्री डॉ. एम. वीरप्पा मोइली ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में वर्ष 2005 के अंत तक लंबित मामलों की संख्या 34 हजार 481 थी जो वर्ष 2009 में बढ़कर 55 हजार 791 हो गई।
उन्होंने कहा कि मामलों के जल्द निपटान के लिए न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि की गई है और तकनीकी उन्नयन किया गया है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री मोइली ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की दिशा में कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि मामलों के जल्द निपटान के लिए न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि की गई है और तकनीकी उन्नयन किया गया है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री मोइली ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की दिशा में कदम उठा रही है।
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