राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्रतिवर्ष प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए राज्य सरकार को योजना के संचालन तक प्रार्थीगणों को सेवा में रखने के आदेश जारी किए हैं।
यह आदेश न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने प्रार्थी कुलदीप कौर व 19 अन्य की याचिका पर सुनवाई के तहत दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आरएस सलूजा ने कहा कि सरकार द्वारा हर साल किसी नई प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नियुक्ति करना रॅपसार अधिनियम 1999 के विरुद्ध है। याचिका में यह भी कहा गया कि छह वर्ष से 14 वर्ष तक की बालिकाओं को शिक्षित करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। यह एजेंसी सरकारी नियंत्रण में नहीं है तथा प्रतिभागी अभ्यर्थियों को छोड़ कर नियुक्तियां कर देती है, जिससे शिक्षण कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
यह आदेश न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने प्रार्थी कुलदीप कौर व 19 अन्य की याचिका पर सुनवाई के तहत दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आरएस सलूजा ने कहा कि सरकार द्वारा हर साल किसी नई प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नियुक्ति करना रॅपसार अधिनियम 1999 के विरुद्ध है। याचिका में यह भी कहा गया कि छह वर्ष से 14 वर्ष तक की बालिकाओं को शिक्षित करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। यह एजेंसी सरकारी नियंत्रण में नहीं है तथा प्रतिभागी अभ्यर्थियों को छोड़ कर नियुक्तियां कर देती है, जिससे शिक्षण कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
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